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क्या जानबूझकर किया गया था अहमदाबाद प्लेन क्रैश? एअर इंडिया विमान हादसे पर एक्सपर्ट का चौंकाने वाला दावा...

क्या जानबूझकर किया गया था अहमदाबाद प्लेन क्रैश? एअर इंडिया विमान हादसे पर एक्सपर्ट का चौंकाने वाला दावा...

12 जून को गुजरात के अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया के प्लेन AI171 के क्रैश मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। एक प्रमुख एविएशन सेफ्टी एक्टपर्ट ने इस मामले में कहा कि एअर इंडिया की फ्लाइट 171 का भीषण हादसा जानबूझकर की गई हरकत का नतीजा हो सकती है। एविएशन एक्सपर्ट के सुझाव के बाद ऐसी संभावना पहली बार सामने आई है, जब एक पायलट ने प्लेन क्रैश करवाया हो।

भारत के प्रमुख एविएशन एक्सपर्ट्स में से एक कैप्टन मोहन रंगनाथन ने इस हादसे को लेकर प्लेन के फ्यूल कटऑफ स्विच के क्रम और कॉकपिट ऑडियो की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह भीषण हादसा कॉकपिट में जानबूझकर की गई हरकत का नतीजा हो सकती है, यह आत्महत्या के इरादे से भी हो सकती है।

जब कैप्टन रंगनाथन से पूछा गया कि क्या पायलटों में से किसी एक ने जानबूझकर प्लेन के ईंधन को बंद किया था, यह जानते हुए भी कि प्लेन क्रैश हो सकता है, इस पर कैप्टन ने कहा कि ऐसा बिल्कुल हो सकता है।

अनजाने में नहीं, जानबूझकर ईंधन किया गया था बंद- रंगनाथन

एनडीटीवी से बातचीत में उन्होंने दावा किया कि, "यह मैन्युअली ही किया जा सकता है. यह ऑटोमैटिकली या पावर की समस्या के कारण नहीं हो सकता, क्योंकि फ्यूल सेलेक्टर स्लाइडिंग टाइप के नहीं होते हैं। उन्हें एक ही स्लॉट में बने रहने के लिए डिजाइन किया गया है और उन्हें ऊपर या नीचे करने के लिए खींचना पड़ता है। इसलिए यह संभव नहीं है कि कोई उन्हें अनजाने में ऑफ कर दे। यह निश्चित रूप से जानबूझकर मैन्युअल तरीके से ऑफ पर ले जाने का मामला है।'

12 जून का अहमदाबाद में हुआ था भीषण प्लेन हादसा

कैप्टन मोहन रंगनाथन की यह टिप्पणी भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) के 12 जून को हुए इस हादसे की अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट प्रकाशित करने के महज 24 घंटे बाद आई है. इस भीषण हादसे में विमान में सवार 241 यात्रियों और घटनास्थल पर मौजूद 19 लोगों की मौत हो गई थी. एअर इंडिया की फ्लाइट 171 12 जून को दोपहर 1:39 बजे अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन गैटविक के लिए रवाना हुई थी। 

विमान में 228 यात्री और 14 क्रू सदस्य सवार थे. लेकिन, उड़ान भरने के सिर्फ 32 सेकंड बाद विमान के दोनों इंजनों ने थ्रस्ट खो दिया और तेजी से अपनी ऊंचाई खोते हुए रनवे के आखिरी छोर से मात्र 1.2 नॉटिकल मील की दूरी पर स्थित एक मेडिकल हॉस्टल से टकरा गया। वहीं, इस भीषण हादसे में प्लेन में सवार सिर्फ एक ही यात्री जीवित बचा था, जो कि भारतीय मूल का एक ब्रिटिश नागरिक था।