ये तो हद हो गई है :: लॉर्ड्स टेस्ट में अंपायरिंग पर मचा बवाल, टीम इंडिया के खिलाफ बार-बार गलत फैसलों से उठे सवाल?...
भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन एक बार फिर अंपायर के फैसले विवादों में घिर गए. भारतीय टीम को इन फैसलों का खामियाजा भुगतना पड़ा, हालांकि डीआरएस (डिसीजन रिव्यू सिस्टम) ने कुछ हद तक टीम को राहत दी.खेल के चौथे दिन फिल्ड अंपायर पॉल राइफल के फैसलों पर बवाल देखने को मिला. एक मौके पर तो भारतीय टीम काफी गुस्से में भी नजर आई।
शुभमन गिल को दिया गया आउट और फिर
चौथे दिन भारत की दूसरी पारी के दौरान 15वें ओवर में ब्रायडन कार्स की पहली गेंद पर शुभमन गिल को कैच आउट करार दिया गया, लेकिन गिल ने रिव्यू लेकर अपना विकेट बचा लिया. रिप्ले में साफ तौर पर दिखा कि गेंद उनके बल्ले से नहीं लगी थी, लेकिन अंपायर पॉल राइफल ने बिना समय लिए गिल को आउट दे दिया. जिसके बाद पॉल राइफल को अपना फैसला बदलना पड़ा. हालांकि, पॉल राइफल की ये इकलौती गलती नहीं थी. इससे पहले इंग्लैंड के पारी के दौरान भी उन्होंने एक फैसला भारत के खिलाफ दिया।
इंग्लैंड की दूसरी पारी के दौरान भी एक ऐसी ही घटना सामने आई थी, जब मोहम्मद सिराज की गेंद पर जो रूट को LBW के लिए बड़ी अपील की गई. लेकिन अंपायर पॉल राइफल ने रूट को नॉटआउट करार दिया, और टीम इंडिया ने रिव्यू का सहारा लिया. लेकिन अंपायर कॉल के चलते रूट बच गए, जिससे भारतीय टीम को बड़ा झटका लगा. अंपायर कॉल के तहत गेंद स्टंप्स को हिट करती दिखी, लेकिन ऑन फिल्ड अंपायर का फैसला नहीं बदला जा सका. इस फैसले ने मैच में संतुलन को इंग्लैंड की ओर झुका दिया और भारतीय फैंस के बीच नाराजगी पैदा कर दी।
तीसरे दिन भी मचा था बवाल
मैच के तीसरे दिन बांग्लादेशी अंपायर सैकत शरफुद्दौला के फैसलों पर भी बवाल देखने को मिला था. सैकत शरफुद्दौला ने भारत की पहली पारी के दौरान आकाश दीप को उनकी पहली गेंद पर LBW आउट दे दिया गया. लेकिन DRS के चलते वह बच गए थे. एक गेंद बाद फिर कुछ ऐसा ही हुआ और आकाश दीप को LBW आउट करार दिया गया. लेकिन आकाश ने एक बार फिर DRS लिया और वह नॉटआउट रहे थे।
गावस्कर बोले, "ये हो ही नहीं सकता.."
स्टार स्पोर्ट्स की हिंदी कमेंट्री टीम में मौजूद सुनील गावस्कर इस फैसले पर जमकर भड़क गए. उन्होंने ऑन-एयर कहा, 'ये हो ही नहीं सकता. जब बॉल का इम्पैक्ट स्टंप की लाइन में है तो गेंद इतनी बाहर कैसे जा सकती है?' उन्होंने बॉल ट्रैकिंग की सटीकता पर सवाल खड़े किए और DRS की तकनीक को लेकर भी अपनी नाराजगी जताई।
हालांकि, जो रूट इस 'जीवनदान' का ज्यादा फायदा नहीं उठा सके और थोड़ी देर बाद ही वह वॉशिंगटन सुंदर की गेंद पर बोल्ड हो गए, लेकिन जिस तरह से यह पूरा मामला सामने आया, उसने एक बार फिर DRS की सटीकता और अंपायरिंग पर बहस छेड़ दी है।