राजभर बनाम राजपूत की लड़ाई तेज; वाराणसी जिले के छितौना में गरमाया माहौल, पुलिस से हुई झड़प...
वाराणसी के छितौना में राजभर और क्षत्रिय समाज के लोग आमने-सामने हो गए हैं। पहले सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर यहां पहुंचे और अपने समाज के लोगों के साथ एकजुटता दिखाई। इसके बाद करणी सेना और क्षत्रिय समाज के लोगों ने अरविंद राजभर के साथ मौजूद लोगों पर उनके समाज पर अपशब्दों का इस्तेमाल करने और अभद्र टिप्पणी का आरोप लगाते हुए मंगलवार को मोर्चा खोल दिया।
राजपूत समाज के लोगों ने छितौना जाने का ऐलान कर दिया। पुलिस ने रोका तो संदहा के पास जाम लगाकर प्रदर्शन किया। इससे वाराणसी-गाजीपुर हाइवे की एक लेन पर करीब 45 मिनट यातायात प्रभावित रहा। पुलिस के साथ इन लोगों की नोकझोंक और धक्का-मुक्की भी हुई। प्रशासनिक और पुलिस के अफसरों के अभद्र टिप्पणी करने वाले युवकों को चिह्नित करके कार्रवाई किए जाने का भरोसा दिलाने पर लोग मान गए। हालांकि उनके वापस लौटने के बाद भी देर शाम तक मौके पर फोर्स तैनात रही।
दरअसल, छितौना गांव में राजभर तथा राजपूत परिवार के बीच भूमि विवाद में बीते पांच जुलाई को मारपीट में धारदार हथियार चले थे। इसके बाद राजभर पक्ष से मुकदमा दर्ज हुआ। दूसरे पक्ष की ओर से आरोप लगाया गया कि कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर के दबाव से उनकी तरफ से केस दर्ज नहीं हो रहा है। करणी सेना समेत अन्य संगठन के प्रदर्शन के बाद दूसरे पक्ष की ओर से भी मुकदमा दर्ज हुआ।
12 जुलाई को सुभासपा महासचिव महासचिव अरविंद राजभर गांव पहुंचे थे। उनके समर्थकों ने नारेबाजी की थी। छितौना गांव तथा सड़क पर निकले समर्थकों ने करणी सेना तथा राजपूत समाज को लेकर अपशब्द कहे थे। ऐसे में इन पर कार्रवाई की मांग को लेकर करणी सेना और क्षत्रिय महासभा ने 15 जुलाई को छितौना गांव में प्रदर्शन की घोषणा की थी।
जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार और अपर पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था एवं मुख्यालय शिवहरि मीना के साथ सोमवार को हुई बातचीत में करणी सेना तो प्रदर्शन स्थगित करने को तैयार हो गई लेकिन क्षत्रिय समाज तैयार नहीं हुआ। क्षत्रिय समाज की ओर से सोशल मीडिया पर आजमगढ़, जौनपुर, गाजीपुर, मऊ, चंदौली, भदोही और मिर्जापुर आदि से लोगों के जुटने का आह्वान किया जाने लगा।
क्षत्रिय महासभा के नेता की अपील
प्रदर्शन के दौरान क्षत्रिय महासभा के प्रदेश संरक्षक हरिशंकर सिंह 'मुन्ना' पहुंचे। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन और संगठन के बीच बैठक हो चुकी है, जिसमें यह आश्वासन मिला है कि समाज के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने वालों को 48 घंटे के भीतर चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी। वार्ता के क्रम में 15 जुलाई का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है। संदहा में जुटान पर उन्होंने कहा कि इसके लिए कोई भी व्यक्ति जिम्मेदार नहीं है। जिन नवयुवकों तक प्रदर्शन स्थगित होने की खबर नहीं पहुंची, वे आ गए थे।
छावनी बन गया था छितौना गांव
सोशल मीडिया पर चल रहे आह्वान और एहतियात के तौर पर मंगलवार सुबह से छितौना गांव छावनी में तब्दील हो गया था। संदहा, जाल्हूपुर में भी बड़ी संख्या में फोर्स तैनाती कर दी गई थी। डीएम सत्येंद्र कुमार, अपर पुलिस आयुक्त शिवहरी मीना, डीसीपी वरुणा जोन प्रमोद कुमार समेत अन्य अफसर भ्रमणशील थे। उधर पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल के आदेश पर जिले की सीमाओं पर भी तलाशी जारी थी। हालांकि सतर्कता और निगहबानी के बावजूद दोपहर करीब 12.30 बजे लगभग 100 की संख्या में राजपूत समाज के लोग संदहा पहुंच गए और छितौना जाने की जिद करने लगे। इस मौके पर मौके पर एडीसीपी वरुणा जोन नीतू कादयान, एडीसीपी गोमती जोन वैभव बांगर, एडीसीपी ट्रैफिक अंशुमान मिश्रा, एसीपी सारनाथ विजय प्रताप सिंह, एसीपी दशाश्वमेध डॉ. अतुल अंजान त्रिपाठी रहे।
जिला मुख्यालय समेत सीमाओं पर सतर्कता
जिला मुख्यालय पर भी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई थी। वहीं जिले में चौबेपुर, कैथी टोल प्लाजा, बलुआ, रिंग रोड, पड़ाव, रामनगर, बच्छांव, गुड़िया बार्डर, कपसेठी, फूलपुर में सीमाओं पर पुलिस ने चेकिंग शुरू कराई थी। कैथी टोल प्लाजा पर एडीसीपी महिला अपराध नम्रिता श्रीवास्तव के नेतृत्व में चेकिंग शुरू कराई गई। इस दौरान गाजीपुर की ओर से आ रहे प्रदर्शनकारियों के कई वाहन वापस हो गए।
एसआईटी की जांच से दोनों पक्ष संतुष्ट
अपर पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था एवं मुख्यालय शिवहरी मीना ने बताया कि उनके नेतृत्व में पुलिस आयुक्त ने पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की है। एसआईटी ने दोनों पक्ष को बुलाकर बातचीत की है। एसआईटी की जांच से दोनों पक्ष संतुष्ट हैं। एक मेड़ को लेकर गलतफहमी में विवाद हुआ था। अब गांव के लोगों ने भी अपील की है कि बाहरी लोग आकर राजनीति न करें।
जातिगत टिप्पणी को लेकर तीन मुकदमे
डीसीपी वरुणा ने बताया कि प्रत्यक्ष एवं सोशल मीडिया पर जातिगत टिप्पणी को लेकर सोमवार और मंगलवार को चौबेपुर थाने में तीन मुकदमे दर्ज किए गए हैं। फेसबुक पर जातिगत टिप्पणी को लेकर एक मुकदमा राजेश सिंह राजपूत और शिवशंकर राजभर पर दर्ज किया गया है। दूसरा मुकदमा दीनानाथ राजभर पर हुआ है, जिसने 12 जुलाई को बाइक से निकाले गए जुलूस में अभद्र टिप्पणी की थी। तीसरा मुकदमा भी इसी जुलूस में अपशब्द कहने पर आदित्य राजभर के खिलाफ हुआ है। आदित्य मुंबई में रहता है। उस दिन वह घर आया था।