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सावन के महीने में घर पर ही क्यों करना चाहिए रुद्राभिषेक? जानिए इसका महत्व और लाभ...

सावन के महीने में घर पर ही क्यों करना चाहिए रुद्राभिषेक? जानिए इसका महत्व और लाभ...

Rudrabhishek Benefits: 11 जुलाई से शुरू हो रहे श्रावण मास में भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करने का सबसे प्रभावशाली उपाय है रुद्राभिषेक। मान्यता है कि इस विशेष पूजन से कष्ट, रोग, ऋण और ग्रह दोष शांत हो जाते हैं। श्रावण मास में शिवजी की पूजा करने से अनंत गुना फल की प्राप्ति होती है, और यदि रुद्राभिषेक विधिवत किया जाए, तो यह जीवन को एक नई दिशा दे सकता है।

रुद्राभिषेक का अर्थ है — भगवान शिव का वेदों में वर्णित विशेष विधि से पूजन और अभिषेक करना। इसमें पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर), गंगाजल, बेलपत्र, फूल, और विशेष मंत्रों से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है।

श्रावण मास भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, क्योंकि समुद्र मंथन के दौरान इसी काल में शिवजी ने हलाहल विष का पान किया था। इस माह में शिव की पूजा से सौ गुना अधिक फल प्राप्त होता है। विशेष रूप से रुद्राभिषेक करने से ईश्वर की कृपा शीघ्र मिलती है।

दिन: सोमवार, त्रयोदशी या प्रदोष तिथि
समय: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) या अभिजीत मुहूर्त
नक्षत्र: पुष्य, मृगशिरा या श्रवण नक्षत्र में किया गया रुद्राभिषेक विशेष फलदायी माना जाता है।
मानसिक शांति और रोगों से मुक्ति।
वैवाहिक जीवन में प्रेम और सौहार्द बढ़ता है।
व्यापार में वृद्धि और आर्थिक प्रगति होती है।
कालसर्प दोष, पितृ दोष और ग्रह बाधा की शांति होती है।
आध्यात्मिक उन्नति और आत्मबल में वृद्धि होती है।