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शुरू करें शादी की तैयारियां!देवउठनी एकादशी से बजेंगी शहनाइयां; चेक करें जुलाई 2026 तक के भरपूर शुभ मुहूर्त...

शुरू करें शादी की तैयारियां!देवउठनी एकादशी से बजेंगी शहनाइयां; चेक करें जुलाई 2026 तक के भरपूर शुभ मुहूर्त...

लखनऊ राज्य ब्यूरो। देव उठनी एकादशी 1 नवंबर को मनाई जाएगी। भगवान विष्णु अपनी चार महीने की योग-निद्रा से जागते हैं और इसी के साथ सृष्टि का संचालन फिर से शुरू होता है। इसी के साथ ही पिछले चार महीनों से बंद हुए सभी मांगलिक काम एक बार फिर से शुरू हो जाएंगे। जिनमें शादी, मुंडन, गृह प्रवेश और यज्ञोपवीत संस्कार आदि प्रमुख हैं। इस बार विवाह के बहुत कम मुहूर्त बन रहे है।

इस वर्ष नवंबर से जुलाई तक शादियों के ढोल बजेंगे। शादियों की तैयारियां, मैरिज, बैंक्वेट हाल, सामुदायिक भवन शत प्रतिशत बुकिंग के साथ तैयार हैं। लोगों ने फार्म हाउस भी शादियों के लिए बुकिंग कराए हैं। 20 से 60 हजार रुपये में बैंड की बुकिंग की गई है। एक दिन बैंड संचालकों की एक दिन में चार से पांच बुकिंग हैं। कैटरिंंग, फूलों की सजावट समेत शादियों की तैयारियों से जुडे व्यापारियों को भी अच्छी खासी कमाई की उम्मीद जागी है।

बग्घी का किराया, डीजे वालों ने भी अपना दाम बढ़ा दिया है। ऐसे में शहर में मंगलवार को 600 से अधिक शादियां होने का अनुमान है। शादियों का सीजन शुरू होने से पहले ही बैंक्विट हाल से लेकर, बैंड-बाजा, कैटरिंग, घोड़ी-वग्धी, फ्लावर डेकोरेटर, डीजे वाले, विडियोग्राफी, इवेंट मैनेजर की बुकिंग शुरू हो गई है।

शादी के मुहूर्त

नवंबर : 2, 3, 6, 8, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25, और 30
दिसंबर : 4, 5, और 6
16 जनवरी से 12 मार्च तक
16 अप्रैल से 10 जुलाई तक

देवउठनी एकादशी शुभ मुहूर्त

आचार्य ज्ञान प्रकाश अवस्थी ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की तिथि 01 नवंबर को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर प्रारम्भ होगा। इसका समापन 02 नवंबर को सुबह 07 बजकर 31 मिनट पर होगा।
देवउठनी एकादशी पर पूजन का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 50 मिनट से सुबह 05 बजकर 41 मिनट तक रहेगा।

वहीं अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। अमृत काल सुबह 11 बजकर 17 मिनट से दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। रवि योग सुबह 06 बजकर 33 मिनट से शाम 06 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। इन मुहूर्तों में पूजा- अर्चना कर सकते हैं।

देवउठनी एकादशी पर होगा तुलसी विवाह

सनातन परंपरा में चातुर्मास खत्म होने के बाद देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह किया जाएगा। उसके बाद विवाह के उत्तम मुहूर्त मिलने प्रारंभ हो जाते हैं। 2 नवंबर को तुलसी विवाह किया जाएगा।