बरेली पहुंचा डकैत का परिवार, आज पत्नी ने शव ले जाने से किया इनकार, वहीं दफन किया गया 'शैतान' का शव...
यूपी के बरेली में पुलिस मुठभेड़ ढेर हुए डकैत इफ्तेकार उर्फ शैतान उर्फ सोल्जर का असली नाम फिरोज पुत्र अशाक हुसैन था। वह संभल में थाना हजरतनगर गढ़ी के गांव मुकर्रमपुर का रहने वाला था। आज रविवार तड़के उसका परिवार बरेली पहुंचा और शव ले जाने से इनकार करते हुए कैंट के कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया।
बता दें कि गुरुवार को पुलिस टीमें ने बिथरी चैनपुर के उदयपुर जसरथपुर में पिछले साल नवंबर में पड़ी डकैती में वांछित बदमाश इफ्तेकार उर्फ शैतान उर्फ सोल्जर को भोजीपुरा के बिलवा क्षेत्र में मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक उसके सात पते और 15 नाम सामने आए थे। मगर काफी खोजबीन के बाद भी किसी पते पर परिवार से संपर्क नहीं हो सका। रविवार तड़के उसकी पत्नी शाहिदा गांव के प्रधान के साथ बरेली पहुंची और पुलिस से मुलाकात कर शव की शिनाख्त की।
बताया कि इफ्तेकार का असली नाम फिरोज था। फिरोज के पिता अशाक हुसैन ने दो शादियां की थीं और यह दूसरी पत्नी का बेटा था, जो उसके साथ ही आया था। माता-पिता दोनों की मौत हो चुकी। पुलिस ने शव लेकर जाने की बात कही तो शाहिदा ने इनकार कर दिया। फिर आवामे खिदमात सोसाइटी के लोगों से संपर्क किया और कैंट स्थित कब्रिस्तान में दफन कर दिया। इस दौरान परिवार और सोसाइटी के लोग ही मौजूद रहे। पूरे घटनाक्रम को लेकर शाहिदा ने किसी से कोई बातचीत भी नहीं की।
15 साल पहले लेकर भागा था नाबालिग लड़की
इफ्तेकार उर्फ फिरोज की पत्नी शाहिदा ने पुलिस को बताया कि शादी के बाद उसके चार बच्चे हुए। बड़ी लड़की अजमी, दूसरे व तीसरे नंबर पर दो बेटे फैजान व अरबाज हैं, जो इंदौर में प्राइवेट नौकरी करते हैं। सबसे चौथी बेटी 16 साल की है। उसने बताया कि करीब 15 साल पहले फिरोज गांव से एक नाबालिग लड़की को लेकर भाग गया था और फिर कभी वापस नहीं लौटा। अब उस लड़की के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है, उसके माता-पिता भी नहीं जानते।
बेटी की शादी और पिता की मौत पर भी नहीं पहुंचा
शाहिदा ने बताया कि चार साल पहले फिरोज के पिता की मौत हो गई लेकिन वह गांव नहीं आया। दो वर्ष पूर्व बड़ी बेटी की शादी हुई, उसमें भी शामिल नहीं हुआ। गांव में सरकारी योजना से मकान बन गया, जिसमें वह और छोटी बेटी रहती है।