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वाराणसी में स्थिर होने के बाद फिर बढ़ने लगीं गंगा का जलस्तर, देखिए बाढ़ के ताजा हालात...

वाराणसी में स्थिर होने के बाद फिर बढ़ने लगीं गंगा का जलस्तर, देखिए बाढ़ के ताजा हालात...

वाराणसी में कुछ घंटे तक स्थिर रहने के बाद एक बार फिर गंगा में बढ़ाव शुरू हो गया है। इससे घाट किनारे के इलाकों में खलबली मची है। गंगा के प्रलट प्रवाह से वरुणा किनारे हाहाकार मचा है। एक मंजिल तक कई घर डूब गए हैं। गुरुवार को दिन में गंगा स्थिर होने के बाद आधा सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ना शुरू हुई थीं। 

आज शुक्रवार को बढ़ने की रफ्तार एक सेमी प्रति घंटा हो गई। दोपहर दो बजे गंगा का जलस्तर बढ़ते हुए 70.97 मीटर तक पहुंच गया। यह खतरे के निशान से करीब 30 सेमी दूर है। यहां खतरे का निशान 71.262 मीटर पर है। केंद्रीय जल आयोग के गुरुवार को बताया था कि प्रयागराज और मिर्जापुर में जलस्तर स्थिर हो गया है। देर रात तक इसके काशी में भी स्थिर होने की संभावना है लेकिन ऐसा नहीं हुआ और एक बार फिर गंगा बढ़ने लगी हैं।

गंगा के बढ़ाव से तीसरी वरुणा किनारे की बड़ी आबादी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। निचले रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया है। शैलपुत्री, कोनिया, दानियालपुर, नक्खीघाट, पुलकोहना, पुराना पुल और बड़ी तकिया में दो सौ से अधिक मकान पानी से घिर चुके हैं। सरैयां, ढेलवरिया, हुकुलगंज, सलारपुर आदि क्षेत्रों में भी कमोबेश यही हाल है। इन क्षेत्रों से भी लोगों का पलायन जारी है। बाढ़ के पानी से गुजरकर लोग राहत शिविरों में या फिर रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं।

अस्सी के जगन्नाथ मंदिर की गली जलमग्न

नगवा नाला से पानी घुसने से रामेश्वर मठ के बगल से भागवत महाविद्यालय से होकर अस्सी स्थित जगन्नाथ मंदिर की गली में जाने वाले रास्ते पर चार फीट पानी लग गया है। इससे गली में आवागमन बंद हो गया है। रामेश्वरमठ का एक तल डूबने से विद्यार्थी दूसरे तल पर चले गए हैं। संगमपुरी कॉलोनी में दर्जन भर अधिक परिवार परेशान हो गए हैं। उनका आरोप है कि जिला प्रशासन की ओर से अब तक नाव संचालित नहीं कराई गई है।

नगवा नाला से पानी बढ़ने के बाद पानी सोदरवीर पुल से आगे की तरफ चढ़ने लगा है। आसपास के लोगों का कहना है कि करीब 3 फीट पानी औऱ बढ़ने से नगवा नाला के किनारे रहने वाले झोपड़िया में पानी घुसने के साथ ही साकेत नगर, कैवल्य धाम, महेश नगर, केदार नगर कॉलोनी के कुछ हिस्सों में पानी प्रवेश कर जाएगा। वहीं हरिश्चंद्र औऱ मणिकर्णिका घाट पर शवदाह करने वालों को भी कठिनाइयों से गुजरना पड़ रहा है। दशाश्वमेध घाट पर पुलिसकर्मी बैरिकेडिंग करके लोगों को आवागमन से रोक रहे हैं।

जवान कर रहे सावधानी बरतने की अपील

मोटरबोट से जलपुलिस, एनडीआरएफ और पीएसी का बाढ़ नियंत्रण दस्ता लगातार मोटरबोट से प्रभावितों से सावधानी बरतने की अपील कर रहा है। उन्हें वरुणा किनारे नहीं जाने, स्नान नहीं करने, भीड़ नहीं लगाने की चेतावनी दी जा रही है। जिला प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्था की जानकारी दी जा रही है। ये जवान प्रभावित लोगों को शिविरों में पहुंचाने में भी मदद कर रहे हैं।

आपदा मित्रों ने की प्रभावितों की मदद

जिला प्रशासन की ओर से आपदा मित्रों ने कंचन गुप्ता के नेतृत्व में बाढ़ प्रभावित लोगों को सरैयां और सलारपुर बाढ़ राहत शिविर में पहुंचने में मदद की। इसमें गोपाल मुखर्जी, रोहित बौद्ध, अनुराग यादव, अनुज, अमित कुमार, चंद्रकला आर्या, पूजा देवी, विनय गुप्ता, रचना राजभर, अखिलेश यादव, अभिषेक यादव, आशीष कुमार, मुकेश, बृजेश, आयुष, अनुष्का गुप्ता आदि शामिल रहे।

मालवीय पुल पर ट्रेनों की गति 10 किमी प्रति घंटा हुई

वाराणसी। गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए काशी स्टेशन के पास स्थित मालवीय पुल पर गुरुवार शाम 4.25 बजे ट्रेनों की गति 10 किलोमीटर प्रति घंटा कर दी गई। अधिकारियों के मुताबिक काफी पुराने इस पुल पर फिलहाल 30 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा था। जिसे अब 10 किमी प्रति घंटा कर दिया गया है।