जौनपुर पूर्वांचल विश्वविद्यालय में दाखिले पर विवाद, आईबीएम फैकल्टी के डीन व एचओडी पर पक्षपात का आरोप...
जौनपुर जिला ब्यूरो। बीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की आईबीएम फैकल्टी में प्रवेश प्रक्रिया को लेकर छात्रों ने जमकर हंगामा किया। आरोप लगाया गया कि फैकल्टी के डीन और विभागाध्यक्ष ने प्रवेश में खुला पक्षपात और धांधली की है।
इसी मुद्दे को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और छात्रसभा के कार्यकर्ताओं ने फैकल्टी परिसर में धरना-अनशन शुरू कर दिया। छात्रों का कहना था कि भारत सरकार द्वारा अनुमोदित डिजीलॉकर प्रमाणपत्रों को फैकल्टी मान्यता नहीं दे रही है, जिसके चलते अभ्यर्थियों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा।
कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की सुनवाई नहीं करता और उनके साथ अमानवीय व्यवहार करता है। छात्र नेताओं का कहना है कि एमबीए में प्रवेश के दौरान योग्यता मानकों की अनदेखी कर छात्रों को दाखिला दिया जा रहा है। पठन-पाठन में अनियमितता बढ़ रही है और विश्वविद्यालय प्रशासन यूजीसी व एआईसीटीई मानकों का उल्लंघन कर रहा है।
छात्रों ने दी चेतावनी
छात्रों ने चेतावनी दी कि यदि शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ तो वे व्यापक आंदोलन छेड़ेंगे। धरना-अनशन कर रहे छात्र पूरे दिन और रात फैकल्टी परिसर में डटे रहे। प्रदर्शनकारी छात्रों में आक्रोश इतना था कि उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन पर शैक्षणिक अव्यवस्था को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
लगातार आंदोलन और अनशन के दबाव में मंगलवार दोपहर 12 बजे कुलपति प्रो. वंदना सिंह मौके पर पहुंचीं और आंदोलनरत छात्रों से मुलाकात की। कुलपति ने छात्रों की समस्याएं सुनीं और मामले की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित करने का आदेश दिया।
कुलपति के आश्वासन के बाद फिलहाल छात्रों ने अपना अनशन समाप्त कर दिया। हालांकि, छात्र नेताओं ने स्पष्ट कहा कि यदि निष्पक्ष जांच और ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन को और अधिक उग्र रूप देकर अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया जाएगा।
इस आंदोलन में विद्यार्थी परिषद से शानु सिंह, शिवम् सिंह जिला संयोजक, सचिन सिंह, राघवेंद्र गिरी जबकि छात्रसभा से सिद्धार्थ सिंह, आकाश यादव, अभिषेक यादव, शिवम यादव सहित बड़ी संख्या में छात्र मौजूद रहे।