अब जीरो बैलेंस पर भी चलता रहेगा आपका अकाउंट! इन बैंकों ने मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने का झंझट किया खत्म...
नईदिल्ली ब्यूरो। अब बैंक अकाउंट में मिनिमम बैलेंस (Minimum Balance in Bank Accounts) नहीं रखने पर भी आपको पेनल्टी नहीं देनी होगी, क्योंकि देश के कई बड़े सरकारी बैंकों ने यह नियम खत्म कर दिया है. अब आप जीरो बैलेंस पर भी बिना किसी जुर्माने के डर के अपना सेविंग अकाउंट (Zero Balance Savings Accounts) चला सकते हैं.यह कदम खास तौर पर उन लोगों के लिए राहत भरा है जो छोटे शहरों, गांवों या कम आय वाले परिवारों से आते हैं, और जिनके लिए हर महीने तय अमाउंट मेंटेन करना मुश्किल होता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के अनुसार, बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट (BSBD) और प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के तहत खुले खातों पर पहले से ही किसी भी तरह के मिनिमम बैलेंस की जरूरत नहीं होती. लेकिन अब कुछ बड़े सरकारी बैंकों ने सामान्य सेविंग अकाउंट पर भी यह शर्त हटा दी है, आइए इन बैंकों के बारे में जानते हैं।
आप यहां चेक कर सकते हैं कि इस लिस्ट में आपका बैंक है या नहीं. अगर आपका अकाउंट इन बैंकों में खुला है तो आपको भी अब मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने से छुटकारा मिल जाएगा।
देश के सबसे बड़े बैंक SBI ने यह सुविधा पहले ही 2020 में शुरू कर दी थी. अब इसके सभी सेविंग अकाउंट्स पर कोई मिनिमम बैलेंस नहीं रखना पड़ता।
केनरा बैंक ने जून 2025 से अपने सभी सेविंग, सैलरी और NRI अकाउंट्स से एवरेज मंथली बैलैंस( Average Monthly Balance - AMB) की अनिवार्यता हटा दी है. पहले हर ग्राहक को अपने अकाउंट टाइप के हिसाब से एक तय राशि पूरे महीने अकाउंट में बनाए रखनी होती थी, वरना बैंक पेनल्टी वसूलता था. अब ऐसा नहीं होगा. ग्राहक अपने अकाउंट में जितना चाहे उतना बैलेंस रख सकते हैं।
इंडियन बैंक ने 7 जुलाई 2025 से सभी सेविंग अकाउंट्स पर मिनिमम बैलेंस की शर्त पूरी तरह खत्म कर दी है. बैंक का कहना है कि इसका मकसद बैंकिंग को आम लोगों के लिए और ज्यादा सुलभ और आसान बनाना है. इससे स्टूडेंट, बुजुर्ग, छोटे व्यापारी और ग्रामीण इलाकों के ग्राहकों को सीधा फायदा मिलेगा।
PNB ने 1 जुलाई 2025 से सभी सेविंग अकाउंट्स पर मिनिमम एवरेज बैलेंस मेंटेन न करने पर लगने वाली पेनल्टी को पूरी तरह हटा दिया है. बैंक का कहना है कि इससे खास तौर पर महिलाएं, किसान और कम आय वाले परिवारों को फायदा मिलेगा. अब इन खाताधारकों को अपने खाते में बैलेंस बनाए रखने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने 1 जुलाई 2025 से अपने सामान्य सेविंग अकाउंट पर जीरो बैलेंस की सुविधा दे दी है. यानी अब अगर आपके अकाउंट में कोई पैसा नहीं भी है, तब भी बैंक पेनल्टी नहीं लगाएगा. हालांकि, यह नियम सिर्फ स्टैंडर्ड सेविंग अकाउंट पर लागू है, प्रीमियम अकाउंट्स पर नहीं।
एवरेज मंथली बैलेंस (AMB) वह न्यूनतम राशि होती है जिसे एक महीने तक खाते में बनाए रखना जरूरी होता है. अगर यह बैलेंस तय सीमा से कम हो जाए, तो बैंक ग्राहक से पेनल्टी वसूलता है. लेकिन अब जिन बैंकों ने यह नियम हटा दिया है, वहां ग्राहकों को यह टेंशन नहीं रहेगी।
इन नए नियमों से सबसे ज्यादा फायदा उन ग्राहकों को मिलेगा जो फिक्स इनकम पर निर्भर हैं, जैसे कि सैलरी पाने वाले कर्मचारी, बुजुर्ग, छात्र, छोटे दुकानदार और वो लोग जो पहली बार बैंकिंग सिस्टम से जुड़ रहे हैं. अब उन्हें न तो हर महीने एक तय राशि बनाए रखने की टेंशन होगी, और न ही पेनल्टी का होगा डर।
बैंकों का ये कदम भारत में फाइनेंशियल इनक्लूजन यानी ज्यादा से ज्यादा लोगों को औपचारिक बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने की कोशिश का हिस्सा है. इस बदलाव से लाखों लोगों को राहत मिलेगी और वे बिना किसी चिंता के बैंकिंग सेवाओं का फायदा उठा सकेंगे।