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सांसद-विधायक पर भड़कीं देवरिया डीएम दिव्या मित्तल, बोलीं- ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए न बनाएं दबाव, देखें वीडियो...

सांसद-विधायक पर भड़कीं देवरिया डीएम दिव्या मित्तल, बोलीं- ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए न बनाएं दबाव, देखें वीडियो...

देवरिया: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले की डीएम दिव्या मित्तल ने यहां के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को उनकी औकात बता दी। दिशा की बैठक में एक विधायक ने अधिकारियों पर अपनी बात न सुने जाने का आरोप लगाते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया।उसके बाद डीएम इस कदर नाराज हुईं कि उन्होंने सरकारी नियमावली का हवाला देते हुए जनप्रतिनिधियों को नसीहत दे डाली। डीएम ने कहा कि जनप्रतिनिधि ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए अधिकारियों पर दबाव न बनाएं। यह कहीं भी जीओ में नहीं है। डीएम की इस नसीहत को सांसद , विधायक समेत मीटिंग में उपस्थित सभी जनप्रतिनिधि चुपचाप सुनते रहे। किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

भाजपा सांसद की अध्यक्षता में हो रही दिशा बैठक

बीते 3 जुलाई को देवरिया जिले में भाजपा सांसद शशांक मणि त्रिपाठी की अध्यक्षता में दिशा की बैठक आयोजित थी। बैठक में सलेमपुर के सपा सांसद रमाशंकर राजभर, विधायक शलभ मणि त्रिपाठी, दीपक मिश्र उर्फ शाका बाबा, सुरेन्द्र चौरसिया, सभाकुंवर, जयप्रकाश निषाद, शिक्षक एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह समेत जिले के सभी ब्लाक प्रमुख, टाउन एरिया के अध्यक्ष भी उपस्थित थे। जिलाधिकारी दिव्या मित्तल, सीडीओ प्रत्युष पांडेय समेत सभी एसडीएम और सभी विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।बैठक को बेमतलब बताते हुए बाहर निकल गए विधायक

बैठक में बरहज क्षेत्र के विधायक दीपक मिश्रा उर्फ शाका बाबा ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से करूअना मगहरा मार्ग का निर्माण शुरू न होने पर नाराजगी जताई और निर्माण न होने का कारण जानना चाहा। दीपक मिश्रा ने बेसिक शिक्षा अधिकारी से एक महिला शिक्षिका का कई महीनों से वेतन भुगतान न होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने बीएसए से एक संविदा कर्मचारी का तबादला रोकने की भी सिफारिश की। विधायक ने कहा कि बीएसए द्वारा उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। मगर अधिकारियों की तरफ से उन्हें उचित जवाब नहीं मिला, जिससे विधायक जी नाराज हो गए। उन्होंने दिशा की बैठक को बेमतलब बताते हुए बहिष्कार किया और बाहर निकल गए।

बीएसए ने कहा- अनावश्यक दबाव बना रहे हैं जनप्रतिनिधि

विधायक के बैठक से बाहर जाने के बाद मीटिंग में मौजूद एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने बीएसए शालिनी श्रीवास्तव से कहा कि देख लो अगर आपकी कलम न फंसे तो इस काम को कर दीजिए। इस पर बीएसए शालिनी श्रीवास्तव ने असमर्थता जताई और कहा कि यह काम करने में मुझे दिक्कत है। अकाउंटेंट का तबादला बहुत दूर नहीं किया गया है। मगर मुझे पर दबाव बनाया जा रहा है, जबकि मैंने किसी एक का नहीं, बल्कि कई अकाउंटेंट का तबादला किया है। ऐसे में मेरे ऊपर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है।

डीएम ने कहा- तबादले के लिए अधिकारियों पर दबाव न बनाएं जनप्रतिनिधि

जनप्रतिनिधियों द्वारा अधिकारियों पर दबाव बनाने की बात सुनकर डीएम दिव्या मित्तल नाराज हो गईं। उन्होंने जनप्रतिनिधियों को नसीहत देते हुए कहा कि माननीय जनप्रतिनिधियों से निवेदन करना चाहूंगी कि इसमें उनकी सिफारिश है। किसी और में किसी दूसरे की सिफारिश है। ऐसे में कह दिया जाए कि और कोई ट्रांसफर न किया जाए। डीएम ने यह भी कहा कि इसमें जीओ भी है कि माननीय जनप्रतिनिधि ट्रांसफर के लिए किसी अधिकारी को फोर्स नहीं कर सकते हैं। बैठक में डीएम माननीयों को नसीहत देती रहीं और सांसद-विधायक समेत सभी जनप्रतिनिधि चुपचाप उनकी बात सुनते रहे। किसी ने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। डीएम की नसीहत और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी की जिले में खूब चर्चा हो रही है।

करूअना मगहरा मार्ग का निर्माण न होने से नाराज हैं विधायक

बरहज के विधायक दीपक मिश्रा ने जिस करूअना मगहरा मार्ग के निर्माण में देरी होने पर नाराजगी जताई थी, वह सड़क वर्ष 2019 में ही स्वीकृत हुई थी। सड़क निर्माण के लिए पैसा भी रिलीज हो गया था। मगर ठेकेदार द्वारा सड़क पर पत्थर डालकर छोड़ दिया गया है। इस समय सड़क का निर्माण कार्य बंद है, जिससे राहगीरों को काफी दिक्कतें हो रही हैं। विधायक दीपक मिश्रा हर बैठक में सड़क निर्माण का मुद्दा उठाते रहे हैं। उसके बाद में निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है। बीते लोकसभा के चुनाव में प्रचार के दौरान क्षेत्र के लोगों की बांसगांव के सांसद कमलेश पासवान की बहस भी हुई थी।