DM के तेवर देख इधर-उधर झांकने लगे अफसर, बोले- नियम मत सिखाओ, प्लानिंग दिखाओ...
हापुड़। हापुड़ में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में डीएम के कड़े तेवरों के सामने अधिकारी बगल झांकते नजर आए। शब्दों और नियमों की बाजीगरी दिखा रहे अधिकारियों को डीएम अभिषेक पांडेय ने दो-टूक कहा कि नियम मत सिखाओ, रोजाना हो रहे हादसों को रोकने की प्लानिंग दिखाओ। हादसे वाले स्थानों की कमियों को दूर करने पर यदि काम किया है तो उसकी एस्टीमेट प्रस्तुत करो। पूरे साल एक ही प्वाइंट को ठीक करने का जो प्रस्तुतिकरण चल रहा है। वह अब नहीं चलेगा। एक्सीडेंट रोकने को हर हाल में धरातल पर काम करना होगा। अब से महीने की बजाय सड़क सुरक्षा की बैठक 20 दिन में हुआ करेगी। वह कलक्ट्रेट सभागार में सड़क सुरक्षा व स्कूल वाहन सुरक्षा समिति की बैठक को संबाेधित कर रहे थे।
जिलाधिकारी ने बैठक में अधिकारियों से पूछा कि सड़कों पर ब्रेकर में सुधार के जो निर्देश दिए गए थे, उस पर क्या कार्य हुआ? परिवहन विभाग के अधिकारी इसका संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। उन्होंने प्वाइंट की संख्या के आधार पर बताया कि सर्वे के उपरांत मिले 94 टी और वाई जंक्शन पर सुधारात्मक कार्रवाई शीघ्र की जाएगी। वह इसकी कोई कार्ययोजना प्रस्तुत नहीं कर सके।
पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन ने बताया कि जिले में 19 खडे स्पीड ब्रेकर हैं, जिनको हटाया जाना हैं। अभी तक क्यों नहीं हटाए गए और इसकाएस्टीमेट कहां पर है, इसको कोई उत्तर वह नहीं दे सके।
वहीं, डीएम ने ब्लैक स्पाट के बारे में जानकारी चाही तो एआरटीओ प्रवर्तन ब्लैक स्पाट की परिभाषा समझाने लगे। इस पर डीएम ने कहा कि नियम मत सिखाओ, रोजाना हो हादसों को रोकने की प्लानिंग दिखाओ। ब्लैक स्पाट आपकी परिभाषा में नहीं आता है तो क्रिटीकल स्पाट कह लेते हैं। इनको ठीक करने का लांग व शॉर्ट टर्म प्लान दिखाओ, लेकिन वह कुछ प्रस्तुत नहीं की सके। इस पर डीएम ने 20 दिन में प्लानिंग करके आने को कहा।
उन्होंने कहा कि महीने की बजाय प्रत्येक 20 दिन पर मीटिंग होगी। स्कूल वाहनों का लगातार निरीक्षण करें। किसी हाल में स्कूल वाहन का संचालन मानकों से इतर नहीं होना चाहिए। जिलाधिकारी ने जिला विद्यालय निरीक्षक एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया कि विद्यालयों में आने वाले छात्र-छात्राएं एवं अभिभावकों को सीटबेल्ट एवं हेलमेट लगाने के प्रति जागरूक किया जाए।
मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में होगी ई-रिक्शा की धरपकड़
डीएम ने सीओ ट्रैफिक राहुल यादव से पूछा कि बिना पंजीकरण वाले ई-रिक्शा पर क्या कार्रवाई हुई। इस पर अधिकारियों ने मामले को घुमाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि ई-रिक्शा गरीब लोग चलाते हैं। रिक्शा को सीज करने की बात सुनते ही वह बेहोश होने और रोने लगते हैं।
इस पर डीएम ने कहा कि किसी हाल में नियमों की अनदेखी स्वीकार नहीं की जाएगी। ई-रिक्शा चालकों के साथ एक खुली मीटिंग करिएगा। उसके बाद मजिस्ट्रेट को साथ लेकर कार्रवाई करिए। अवैध ई-रिक्शा को नष्ट करने और सीज करने के लिए स्थान निर्धारित कर लिया जाए। एक सप्ताह में इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया।
बैठक में एक्सईएन पीडब्ल्यूडी शैलेन्द्र सिंह, सीएमओ सुनील त्यागी, टीआइ टीआइ छविराम, एआरटीओ रमेश कुमार चौबे, सहायक एआरटीओ आशुतोष उपाध्याय, ललित एम तिवारी, जीएम एनएचएआइ मुरादाबाद, अरविन्द कुमार पीडी एनएचएआई, विक्रम सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर एनएचएआइ मेरठ-बुलन्दशहर उपस्थित रहे।