भारत के 5 शक्तिशाली नाग मंदिर जहां जाने से खत्म होता है काल सर्प दोष, आज के दिन दूध का लोटा लिए आते हैं भक्त...
Nag Temple in India: भारत में नाग पंचमी के दिन नाग देवता को पूजा जाता है, ऐसे में लोग नाग मंदिरों में जल चढ़ाने के पहुंचते हैं। कुछ ऐसे प्रसिद्ध मंदिर हैं जो अपने आप में ही अनोखे और शक्तिशाली माने जाते हैं। जानिए इन मंदिरों के बारे में।
आज नाग पंचमी के दिन लोग भगवान शिव के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं और नाग देवता को दूध चढ़ाते हैं। कहते हैं जो भक्त आज के दिन नाग देवता पर जल चढ़ाते हैं, उनके जीवन के हर दुख दूर हो जाते हैं, साथ ही हर तरह के दोषों से भी मुक्ति मिलती है। लेकिन कुछ मंदिरों की अपनी एक मान्यता है, जहां जाने से आपके जीवन की कई चीजें बदल सकती हैं। आज हम नाग पंचमी के दिन भारत के कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताने वाले हैं, जिन्हें बेहद शक्तिशाली माना जाता है। यहां आकर दर्शन करने से बिमारी से लेकर दोषों तक सब खत्म हो जाते हैं।
मन्नारसाला श्री नागराजा मंदिर, केरल
केरल के हरिपाड में स्थित जंगलों से घिरा मन्नारसाला श्री नागराजा मंदिर भारत के कुछ सबसे ज्यादा पूजे जाने वाले मंदिरों में शामिल है। इस मंदिर की खास बात ये है, पूजा की जिम्मेदारी एक महिला पुजारी निभाती हैं। मंदिर नागराज यानी सांपों के राजा को समर्पित है, यहां 30 हजार से अधिक नागों की मूर्तियां स्थापित हैं। सावन महीने में यहां का माहौल एकदम हरियाली और आध्यात्मिक ऊर्जा से भर जाता है। लोगों का मानना है यहां पूजा करने से संतान से जुड़ी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं और परिवार की पीढ़ियां सुरक्षित रहती हैं।
कुक्के सुब्रमण्य मंदिर
कर्नाटक दक्षिण कन्नड़ के वेस्टर्न घाट में स्थित खूबसूरत पहाड़ियों पर बना कुक्के सुब्रमण्य मंदिर सांपों के देवता को समर्पित है। ये मंदिर भी बेहद शक्तिशाली माना जाता है। यहां भगवान सुब्रमण्य को सभी नागों के स्वामी के रूप में पूजते हैं। लोग खासकर सावन में सर्प संस्कार और अश्लेषा बली जैसे कई खास अनुष्ठान करते हैं जिससे पूर्वजों के श्रापों से मुक्ति मिल पाए। मंदिर के चारों ओर पहाड़, घने जंगल और कुमारधारा का खूबसूरत नजारा भी देखने को मिलता है। यहां की पूजा सावन में और भी खास हो जाती है।
नागचंद्रेश्वर मंदिर, उज्जैन
महाकालेश्वर मंदिर के बारे में कौन नहीं जानता, वहीं इसके तीसरी मंजिल पर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर उज्जैन के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में शामिल है। ये मंदिर साल में बस एक बार यानी नागपंचमी के दिन खुलता है और 24 घंटे के बाद बंद भी हो जाता है। यहां भगवान शिव, पार्वती माता और उनके ऊपर फन फैलाए बैठे नाग देवता की मूर्ती है। सावन में यहां दर्शन करना भक्तों के लिए बेहद सौभाग्य की बात होती है।
प्रयागराज नाग वासुकी मंदिर
उत्तर प्रदेश नाग वासुकी मंदिर, प्रयागराज के दारागंज में गंगा नदी किनारे मौजूद है और नागों के राजा वासुकी को समर्पित है। ये मंदिर कालसर्प दोष से पीड़ित लोगों के लिए बेहद खास है। सावन और नाग पंचमी के मौके पर यहां काफी संख्या में भक्त पहुंचते हैं। मंदिर का मुख त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती का मिलन स्थल) की ओर है, जिसकी वजह से इसकी पवित्रता और महत्ता और भी बढ़ जाती है।
नाग मंदिर, जम्मू कश्मीर
पटनीटॉप की हरी-भरी और खूबसूरत पहाड़ियों के बीच नाग मंदिर बेहद ही शांत और प्राचीन स्थल है। मंदिर करीबन 600 साल पुराना कहा जाता है और नाग देवता को समर्पित है। सावन और नाग पंचमी के दौरान यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा काफी बढ़ जाती है। जब यहां मंत्रोच्चार और पूजा होती है, तो भक्त खुद को गहराई से जोड़ पाते हैं।