'एक भाई IAS तो दूसरा IPS', जब जयपुर की गर्लफ्रेंड ने बताया दोनों का शाकिंग सच.. दोनों ने मिलकर की लाखों की ठगी...
Jaipur news : राजस्थान की राजधानी जयपुर में सोशल मीडिया फ्रेंडशिप के नाम पर ठगी और ब्लैकमेलिंग का बड़ा मामला सामने आया है। एक युवक ने खुद को केंद्रीय गृह मंत्रालय का सलाहकार और परिवार को उच्च पुलिस अधिकारियों की भूमिका में बताकर एक युवती को अपने जाल में फंसा लिया। आरोपी ने युवती से पहले दोस्ती की, फिर विश्वास जमाकर 15 लाख रुपये की मांग करने लगा। जब उसने इनकार किया तो उससे जबरन डायमंड का नेकलेस और ब्रेसलेट छीन लिया।
जयपुर का डीसीपी बनकर की ठगी
जयपुर ईस्ट डीसीपी तेजस्वनी गौतम (IPS) ने बताया कि आरोपी की पहचान नीरज कुमार पुत्र भगवान सहाय, निवासी मनेमा गांव, हिंडौन सिटी, करौली के रूप में हुई है। पीड़िता की शिकायत पर जयपुर एयरपोर्ट थाने में मामला दर्ज किया गया था।
खुद गृह मंत्रालय में सलाहकार और भाई गोवा में IPS
फेसबुक पर दोस्ती, फिर झांसा शुरुआत हुई एक फेसबुक फ्रेंड रिक्वेस्ट से। आरोपी ने खुद को दीपक शर्मा नाम से परिचित कराते हुए युवती को बताया कि वह गृह मंत्रालय में सलाहकार है, उसका पिता पुलिस अधिकारी और भाई गोवा कैडर का IPS है। मैसेंजर पर लगातार चैटिंग के जरिए आरोपी ने भरोसा जीता।
15 लाख की मांग और फिर धमकी
करीब एक महीने की बातचीत के बाद आरोपी ने युवती से सीधे 15 लाख रुपये की डिमांड कर डाली। जब युवती ने यह रकम देने से मना किया, तो आरोपी ने धमकियां देना शुरू कर दिया। बार-बार फोन कर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। परेशान होकर युवती जयपुर आई और जवाहर सर्किल पर मिलने को तैयार हुई।
जबरन छीना डायमंड सेट
मुलाकात के दौरान जब युवती ने रुपये नहीं होने की बात कही, तो आरोपी ने गुस्से में आकर उसके हाथ से डायमंड का नेकलेस और ब्रेसलेट छीन लिया। साथ ही धमकी दी कि अगर किसी को बताया तो 'उठवा' लेने की कार्रवाई करवा देगा।
कई थानों का वांटेड निकला आरोपी
CCTV से पकड़ाया आरोपी पुलिस ने जब सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो आरोपी की पहचान साफ हो गई। उसे दुर्गा कॉलोनी, जवाहर सर्किल थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। उसके पास से डायमंड सेट, ब्रेसलेट और एक कार बरामद की गई है। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी पहले भी कई थानों में ठगी के मामलों में वांछित था।
यह मामला सोशल मीडिया यूजर को सबक
सोशल मीडिया की चमक-धमक के पीछे छिपे जालसाजों से सावधान रहना बेहद जरूरी है। जयपुर पुलिस की तत्परता से एक और फर्जी अधिकारी का भंडाफोड़ हुआ है, जिसने सोशल मीडिया को हथियार बनाकर मासूम युवतियों को निशाना बनाना शुरू किया था।