भदोही-मिर्जापुर हाईवे पर पहुंचा गंगा का पानी, विंध्याचल धाम जाना भी अब हुआ मुश्किल...
पूर्वांचल में बाढ़ का कहर बढ़ता ही जा रहा है। प्रयागराज से वाराणसी तक सबसे ज्यादा स्थिति खराब है। सोमवार को मिर्जापुर-भदोही मार्ग पर भी गंगा का पानी चढ़ गया। इससे भदोही से विंध्याचल जाने वाला मार्ग बंद हो गया। औराई और कछवा दोनों मार्ग पर पानी आने से पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर वाहनों को रोक दिया है। इसी तरह विंध्याचल में बसवरिया घाट से बरतर व कंतित के मध्य सड़क पर गंगा के बाढ़ का पानी आने से मिर्जापुर विंध्याचल मुख्य मार्ग को सोमवार को सुबह से बंद कर दिया गया है। वाराणसी और प्रयागराज में गंगा पहले ही खतरे का निशान पार कर चुकी हैं। बहुत बड़ी आबादी बाढ़ के पानी के कारण पलायन कर गई है।
मिर्जापुर ब्यूरो के अनुसार भक्तों को तारने वाली मां गंगा ने सावन में रौद्ररूप धारण कर लिया है l खेत, फसल और गांव गिरांव को डुबोते हुए अब मुख्यमार्ग पर जा पहुंची हैं। हालत यह हो गई है कि सोमवार को सुबह से मिर्जापुर-वाराणसी मार्ग पर औराई के पास टेढवा सहसेपुर में सड़क पर पानी भर गया। इससे मार्ग को जिला प्रसाशन ने बैरिकेडिंग लगाकर बंद कर दिया है। इसी तरह मिर्जापुर, भटौली-कछवा मार्ग पर जसोवर गांव के पुल पर गंगा के बाढ़ का पानी हिलोरे मारने लगा है। इससे भतौली को पक्के पुल पर आवागमन बाधित हो गया है। गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। भटौली पक्के पुल के एप्रोच मार्ग के करीब एक फीट ऊपर गंगा के पानी बह रहा है। किसी प्रकार की दुर्घटना को रोकने के लिए कछवां पुलिस थानाध्यक्ष अमरजीत चौहान के साथ तैनात हो गई है।
वहीं, विंध्याचल में बसवरिया घाट से बरतर व कंतित के मध्य सड़क पर गंगा के बाढ़ का पानी आने से मिर्जापुर विंध्याचल मुख्य मार्ग को सोमवार सुबह से बंद कर दिया गया l मिर्जापुर से विंध्याचल जाने वाले वाहनों को दूधनाथ तिराहा और विंध्याचल से मिर्जापुर आने वाले वाहनों को बंगाली चौराहे पर रोक दिया जा रहा है। फिलहाल दोनों तरफ पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
यूपी के 13 जिलों में बाढ़, वाराणसी-प्रयाग में गंगा खतरे के निशान से ऊपर
उत्तर प्रदेश में भारी बारिश के कारण गंगा, यमुना और बेतवा सहित प्रमुख नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। 13 जिले बाढ़ की स्थिति का सामना कर रहे हैं। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। राहत आयुक्त कार्यालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, गंगा नदी वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर और बलिया में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि यमुना औरैया, कालपी, हमीरपुर, प्रयागराज और बांदा में लाल निशान से ऊपर है। इसके अनुसार बेतवा नदी भी हमीरपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। राज्य में रविवार को 14.2 मिलीमीटर (मिमी) बारिश हुई और 24 जिलों में भारी बारिश हुई।
इस समय राज्य के 13 जिले बाढ़ की स्थिति का सामना कर रहे हैं। इन जिलों में प्रयागराज, जालौन, औरैया, हमीरपुर, मिर्जापुर, वाराणसी, कानपुर देहात, बलिया, बांदा, इटावा, फतेहपुर, कानपुर नगर और चित्रकूट शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि वाराणसी में सोमवार सुबह गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया, जिससे घाट जलमग्न हो गए और अधिकारियों को दाह संस्कार और अन्य धार्मिक अनुष्ठान छतों और ऊंचे चबूतरों पर करने के आदेश देने पड़े।
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, सोमवार सुबह तक गंगा नदी 72.1 मीटर के स्तर पर बह रही थी, जो खतरे के स्तर 71.262 मीटर से ऊपर है। गंगा सेवा निधि के शिवम अग्रहरि ने कहा कि सभी घाट जलमग्न हो गए हैं, जिससे वहां पहुंचना अवरुद्ध हो गया है। दशाश्वमेध घाट पर प्रसिद्ध गंगा आरती अब छतों पर की जा रही है, जबकि मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाटों पर दाह संस्कार ऊंचे चबूतरों पर किए जा रहे हैं।
जिले के अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर नदी में नावों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों में गश्त कर रही हैं और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं। प्रयागराज में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण शनिवार से गंगा और यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 84.73 मीटर से ऊपर है, जिससे जिले के 200 से ज़्यादा गांव और शहर की लगभग 60 बस्तियां बाढ़ की चपेट में आ गई हैं। जिला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, सोमवार सुबह 8 बजे नैनी में यमुना नदी का जलस्तर 86.04 मीटर दर्ज किया गया, जबकि फाफामऊ में गंगा नदी का जलस्तर 86.03 मीटर दर्ज किया गया।
जिला प्रशासन ने शहर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के नागरिकों के लिए बाढ़ राहत शिविर केंद्र स्थापित किए हैं, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ प्रभावित स्कूलों में शिक्षण कार्य स्थगित कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि शहर में सदर तहसील के अंतर्गत 107 वार्ड और मोहल्ले बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें राजापुर, बेली कछार, चांदपुर सलोरी, गोविंदपुर, छोटा बघाड़ा और बड़ा बघाड़ा प्रमुख रूप से प्रभावित हैं। वहीं ग्रामीण इलाकों में फूलपुर तहसील के 18, सोरांव के आठ, मेजा के 12, बारा तहसील के आठ और हंडिया तहसील के छह गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।