आज नीतीश कुमार 10वीं बार लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ, NDA विधायक दल की बैठक में लगी मुहर, जानें पहली बार कब सीएम बने थे...
बिहार पटना ब्यूरो। बिहार की राजनीति में बीते बीस वर्षों से एक प्रमुख चेहरा रहे नीतीश कुमार आज एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है, जिसके बाद गठबंधन ने सर्वसम्मति से नीतीश को राज्य का अगला मुख्यमंत्री चुना है।
एनडीए की प्रचंड जीत
मंगलवार को हुई एनडीए विधायकों की बैठक में यह फैसला औपचारिक रूप से लिया गया. बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से 202 सीटों पर एनडीए ने जीत हासिल की, जो राज्य की राजनीति में एक बड़ा जनादेश माना जा रहा है। गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी के 89, जनता दल (यूनाइटेड) के 85, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के 19, हिंदुस्तान आवामी मोर्चा (सेक्युलर) के पांच और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के चार विधायक शामिल हैं। यह व्यापक समर्थन नीतीश की अगुआई में गठबंधन की मजबूती को रेखांकित करता है।
पहली बार सिर्फ सात दिनों के लिए बने थे मुख्यमंत्री
नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री के रूप में यह दसवां कार्यकाल होगा। उन्होंने पहली बार वर्ष 2000 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उस समय वे समता पार्टी से जुड़े थे, लेकिन विधायक संख्या कम होने की वजह से उनकी सरकार केवल सात दिनों में गिर गई। इसके बाद 2005 में वे जद (यू) और बीजेपी के गठबंधन के साथ सत्ता में लौटे और पूर्ण बहुमत की बदौलत स्थिर सरकार चलाई। 2010 के चुनावों में इस गठबंधन को और भी मजबूत जनादेश मिला, जिससे उनके नेतृत्व को और बल मिला।
बीजेपी से अलगाव
2013 में नरेंद्र मोदी को बीजेपी का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद नीतीश ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया. इसके बाद वे आरजेडी और कांग्रेस के बाहरी समर्थन के सहारे सत्ता में बने रहे. 2014 के लोकसभा चुनाव में जद (यू) को मिली भारी हार के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया और जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया. लेकिन 2015 में वे फिर सत्ता में लौटे और आरजेडी व कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाकर चुनाव जीता।
2017 में एक बार फिर उन्होंने महागठबंधन छोड़कर बीजेपी का साथ थाम लिया और फिर मुख्यमंत्री बने. 2020 के चुनावों में जद (यू) की सीटें कम हो गईं, लेकिन एनडीए ने उन्हें ही मुख्यमंत्री बनाए रखा।
लगातार बदलते गठबंधन
2022 में नीतीश ने फिर से बीजेपी से रिश्ता तोड़ दिया और आरजेडी-कांग्रेस के साथ नई सरकार बनाई. यह सरकार मात्र 17 महीने चल पाई. 2024 की शुरुआत में उन्होंने एक बार फिर महागठबंधन छोड़कर बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया और मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
धरे के धरे रह गए एग्जिट पोल्स
74 वर्षीय नीतीश कुमार को 2025 के चुनावों से पहले कई आलोचकों ने कमजोर पड़ता हुआ नेता बताया था. प्रशांत किशोर ने तो जद (यू) को 25 से कम सीटें मिलने का दावा किया था. लेकिन नतीजों ने सभी आकलन गलत साबित कर दिए. जद (यू) ने 2020 की तुलना में लगभग दोगुनी सीटें हासिल कर 85 पर पहुंचकर सभी को चौंका दिया।