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बाप रे बाप !! ऑटोरिक्‍शा है या कोई रेलगाडी... सवार थे 22 बच्‍चे, ट्रैफिक पुलिस ने रोका तो उड़े सबके होश, वीडियो देख हर कोई है हैरान...

बाप रे बाप !! ऑटोरिक्‍शा है या कोई रेलगाडी... सवार थे 22 बच्‍चे, ट्रैफिक पुलिस ने रोका तो उड़े सबके होश, वीडियो देख हर कोई है हैरान...

तेलंगाना के नगरकुरनूल से आई एक घटना ने लोगों को गहरी चिंता में डाल दिया है. अक्सर हम सुनते हैं कि स्कूल जाने वाले बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है, लेकिन जब वही बच्चे लापरवाही का शिकार होते दिखें तो मन विचलित हो उठता है।

एक ऑटोरिक्शा में एक-दो नहीं, बल्कि 22 बच्चे! आपको यकीन नहीं होगा, लेकिन 22 बच्चे अपने स्कूल बैग लेकर ऑटोरिक्शा में बैठे थे। जब एक ट्रैफिक पुलिस अधिकारी ने ऑटोरिक्शा चालक को रोका, तो वह दंग रह गया।

पीले रंग के ऑटोरिक्शा में बैठे बच्चों के वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि छात्र एक के बाद एक उतर रहे हैं। वे सभी स्कूल यूनिफॉर्म में हैं। कुछ नर्सरी के छात्र दिख रहे हैं, जबकि अन्य दूसरी और तीसरी कक्षा के। 

ट्रैफिक पुलिस अधिकारी ने ऑटोरिक्शा को रोका और फिर सभी बच्चों को नीचे उतारा। जब बच्चे एक-एक करके ऑटोरिक्शा से उतरने लगे, तो देखने वाले दंग रह गए। ऑटोरिक्शा में 22 बच्चे अपने स्कूल बैग और पानी की बोतलें लेकर सवार थे।

ये सभी छात्र तेलंगाना के नगरकुरनूल के एक निजी स्कूल के बताए जा रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि इस निजी स्कूल के छात्रों को ऐसे ऑटोरिक्शा में क्यों बिठाया गया? पता चला है कि राज्य के ज़्यादातर निजी स्कूल बहुत ज़्यादा बस किराया वसूलते हैं। नतीजतन, कई अभिभावक ज़्यादा फीस और यात्रा खर्च वहन नहीं कर पाते। इसलिए, उन्हें अपनी जान जोखिम में डालकर अपने बच्चों को ऑटोरिक्शा में भेजना पड़ता है।

तेलंगाना में एक-दो नहीं, बल्कि सैकड़ों ऐसे ऑटोरिक्शा हर सुबह-शाम सड़कों पर दौड़ते हैं, जिनमें बच्चे जानवरों की तरह बैठने को मजबूर होते हैं। राज्य शिक्षा विभाग को इस मुद्दे पर गौर करना चाहिए।