BLO के लिए 'SIR' बना जानलेवा? 3 राज्यों में कटा भयंकर बवाल; BLO द्वारा लगातार सुसाइडों से मचा हड़कंप...
SIR Pressure BLO Suicide Case: देशभर में चल रहे मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान ने एक गंभीर संकट को जन्म दे दिया है। इस सरकारी काम का दबाव इतना बढ़ गया है कि बूथ लेवल अधिकारी (BLO) अब जान देने को मजबूर हो रहे हैं। केरल और राजस्थान में दो BLO की आत्महत्या और पश्चिम बंगाल में एक महिला अधिकारी की ब्रेन स्ट्रोक से मौत ने सबको हिला कर रख दिया है। काम के भारी बोझ, लंबी ड्यूटी और असंभव लक्ष्यों (टारगेट्स) के कारण तीन राज्यों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।
BLO, जो ज्यादातर सरकारी शिक्षक होते हैं, 4 नवंबर से शुरू हुए इस अभियान के तहत घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन कर रहे हैं। उन्हें फॉर्म बांटने, जमा करने और डेटा को ऐप पर डिजिटाइज करने का काम सौंपा गया है। एक बूथ में 1000 से 1200 वोटर होते हैं और चुनाव आयोग के अनुसार बीएलओ को मतदाताओं तक पहुंचने के लिए तीन प्रयास करने होते हैं। यह काम उन्हें अपनी नियमित नौकरी के अलावा करना पड़ रहा है। इसी दोहरे दबाव ने अधिकारियों को टूटने पर मजबूर कर दिया है, जिसका नतीजा अब जानलेवा साबित हो रहा है।
सुसाइड नोट में लिखा- सोने नहीं देता काम का प्रेशर
जयपुर के सरकारी स्कूल शिक्षक मुकेश जांगिड़ (45) ने ट्रेन के सामने कूदकर जान दे दी। उनके पास से मिले सुसाइड नोट में लिखा था कि एसआईआर टारगेट पूरा करने का दबाव था और सस्पेंड करने की धमकी दी जा रही थी, जिसके कारण वे कई रातों से सो नहीं पाए थे। वहीं, केरल के कन्नूर में अनीश जॉर्ज (44) ने अपने घर में फांसी लगा ली। परिजनों का कहना है कि टारगेट पूरा करने के लिए अनीश रात के 2-2 बजे तक काम करते थे। हालांकि, कन्नूर जिला प्रशासन ने दावा किया कि अनीश का केवल 22% काम बचा था और उन पर कोई खास दबाव नहीं था।
बंगाल में ब्रेन स्ट्रोक और डर का माहौल
पश्चिम बंगाल में हालात थोड़े अलग लेकिन उतने ही भयावह हैं। यहां पुरबा बर्धमान जिले में 50 वर्षीय नमिता हंसदा की ब्रेन स्ट्रोक से मौत हो गई। परिवार का आरोप है कि काम के अत्यधिक तनाव के कारण उनकी जान गई। इसके अलावा, बंगाल में अपना नाम वोटर लिस्ट से कटने के डर से आम लोगों में भी घबराहट है, जिससे कथित तौर पर 9 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 6 आत्महत्याएं शामिल हैं। भाजपा इसे टीएमसी का फैलाया हुआ डर बता रही है। केरल में सरकारी कर्मचारी संगठनों ने काम का बहिष्कार कर सड़कों पर प्रदर्शन किया है।