वाराणसी आदमपुर थाना क्षेत्र में जमीन विवाद को लेकर दीपक केसरी पर हुआ जानलेवा हमला पुलिस की भूमाफिया से 'मिलीभगत' का संगीन आरोप...
जमीन विवाद को लेकर पत्रकार के भाई पर जानलेवा हमला, पुलिस पर भूमाफिया से 'मिलीभगत' का संगीन आरोप!
वाराणसी जिला आदमपुर थाना क्षेत्र के प्रहलादघाट इलाके में रविवार को जमीन कब्जा के एक पुराने मामले ने हिंसक रूप ले लिया। क्षेत्र के कुछ दबंगों ने 55 वर्ष पुरानी एक दुकान पर कब्जा करने की नीयत से निर्माण कार्य शुरू किया, जिसका विरोध करने पर दुकानदार और स्वतंत्र पत्रकार मनोज केशरी के भाई दीपक केशरी (उम्र अज्ञात) पर दर्जनों समर्थकों ने जानलेवा हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए।
इस पूरे घटनाक्रम में स्थानीय आदमपुर पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिह्न लग गया है। घायल पीड़ित पक्ष ने पुलिस पर भूमाफिया से मिलीभगत का आरोप लगाया है, उनका दावा है कि पुलिस ने हमलावरों के पक्ष में कार्रवाई की है।
क्या है पूरा मामला?
दीपक केशरी के पूर्वजों की प्रहलादघाट में 55 वर्ष पुरानी एक दुकान थी, जिसके संबंध में उनके पास बकायदा एग्रीमेंट और अन्य दस्तावेज मौजूद हैं। बताया जाता है कि क्षेत्र के एक दबंग व्यक्ति ने इस दुकान को कथित तौर पर खरीद लिया।
शिकायत के अनुसार, 17 नवंबर को दबंग व्यक्ति ने दुकान में लगे पीपल के पेड़ को काटने के बहाने जेसीबी लगाकर पूरी दुकान ही गिरा दी थी। इसकी सूचना पीड़ित ने पुलिस समेत उच्च अधिकारियों को दी थी।
विरोध करने पर दबंग और उसके दर्जनों साथियों ने पीटा
रविवार को जब दबंग व्यक्ति गिराई गई दुकान पर जबरन निर्माण कार्य शुरू करवा रहा था, तब दीपक केशरी अपने सभी दस्तावेज लेकर मौके पर पहुंचे। उन्होंने कोर्ट के निर्णय तक निर्माण कार्य रोकने का आग्रह किया।
पीड़ित पक्ष के अनुसार, इतनी बात सुनते ही दबंग व्यक्ति गुस्से में आ गया और अपने दर्जनों समर्थकों के साथ मिलकर दीपक केशरी पर हमला कर दिया। उन्हें बुरी तरह मारा-पीटा गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए।
पुलिस की भूमिका पर सवाल
हमले की जानकारी मिलते ही दीपक केशरी की पुत्री श्वेता केशरी ने पुलिस को सूचना दी और मौके पर पहुंची। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि मौके पर पहुंचे थाने के एक एसआई ने घायल दीपक केशरी का मेडिकल मुआयना कराने या हमलावरों पर कार्रवाई करने के बजाय एक पक्षपाती रवैया अपनाया।
"एसआई ने मुक्त भोगी (दीपक केशरी) की तहरीर लेने के बजाय, फोन पर दबंगों से कहा कि 'तुम लोग भी तहरीर दो तो इसको बताता हूँ कि दुकान कैसे लिया जाता है।' पुलिस ने घायल का मेडिकल कराने के बजाय केवल एक प्रार्थना पत्र लिया और सोमवार को थाने आने को कहकर लीपापोती कर दी।"
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह घटना स्थानीय पुलिस और भूमाफिया के बीच कथित सांठगांठ को दर्शाती है, जिससे दबंगों के हौसले बुलंद हैं।
दीपक केशरी स्वतंत्र पत्रकार मनोज केशरी के भाई हैं, जो वर्तमान समय में एक दैनिक अखबार में संवाददाता हैं। पत्रकार के भाई पर हुए इस हमले और पुलिस की संदिग्ध भूमिका को लेकर स्थानीय मीडियाकर्मियों और नागरिकों में गहरा रोष व्याप्त है।