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बेंगलुरु में ब्रांडेड नकली नंदिनी घी का बड़ा रैकेट पकड़ा गया, तमिलनाडु से बनकर आ रहा था मिलावटी घी...

बेंगलुरु में ब्रांडेड नकली नंदिनी घी का बड़ा रैकेट पकड़ा गया, तमिलनाडु से बनकर आ रहा था मिलावटी घी...

नई दिल्ली, ब्यूरो रिपोर्ट। दक्षिण भारत के सबसे भरोसेमंद डेयरी ब्रांड 'नंदिनी' के नाम पर बाजार में बेचे जा रहे नकली घी का बड़ा खुलासा बेंगलुरु में हुआ है। शहर में लंबे समय से चल रहे इस अंतरराज्यीय गिरोह को पुलिस ने धर दबोचा है, जो तमिलनाडु में तैयार नकली घी को बेंगलुरु में असली नंदिनी घी की तरह बेच रहा था।

बेंगलुरु पुलिस और KMF की संयुक्त कार्रवाई में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। जांच में सामने आया कि गिरोह नंदिनी के बढ़ते बाजार और उपभोक्ताओं के भरोसे का गलत फायदा उठाकर मिलावटी घी को असली बताकर सप्लाई कर रहा था।

अंतरराज्यीय नेटवर्क का भंडाफोड़ कैसे हुआ?

संदिग्ध सप्लाई पैटर्न सामने आते ही KMF की चौकसी विंग ने आंतरिक जांच शुरू की। अधिकारियों को मिली गुप्त सूचना के आधार पर सेंट्रल क्राइम ब्रांच (CCB) की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम और KMF की संयुक्त टीम ने कार्रवाई शुरू की। 

जांचकर्ताओं ने चामराजपेट के नंजंबा अग्रहार में स्थित कृष्णा एंटरप्राइजेज से जुड़े गोदामों, दुकानों और वाहनों पर छापेमारी की। इसी दौरान तमिलनाडु से नकली नंदिनी पैकिंग में भरा मिलावटी घी लेकर आ रही एक गाड़ी को रोका गया और कब्जे में लिया गया।

क्या मिलाया जा रहा था नकली घी में?

छापों के दौरान पुलिस को कई चौंकाने वाले तथ्य मिले।

घटिया गुणवत्ता वाला पाम ऑयल और नारियल तेल मिलाकर नकली नंदिनी देशी घी पैकेजिंग होता है।

घी बनाने और पैकिंग का पूरा मशीनरी सेटअप

कुछ सैंपल FSL लैब में भेजे गए हैं ताकि यह पता चल सके कि घी में एनिमल फैट मिलाया गया था या नहीं।

जब्त हुआ सामग्री

पुलिस ने कार्रवाई के दौरान भारी मात्रा में सामान बरामद किया है।

8,136 लीटर मिलावटी घी, कीमत ₹56.95 लाख रुपए।।

नकली घी बनाने की मशीनरी

पाम ऑयल और नारियल तेल

₹1.19 लाख नकद
पांच मोबाइल फोन
चार बोलेरो गुड्स वाहन, कीमत ₹60 लाख

कुल जब्ती, ₹1.26 करोड़ रुपए।।

कौन हैं गिरफ्तार आरोपी?
चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है:-

महेंद्र (KMF डिस्ट्रीब्यूटर)
उनका बेटा दीपक
मुनीराज
अभियारसु

इन चारों पर नकली घी तैयार करने, पैक करने और बेंगलुरु में सप्लाई करने का आरोप है।

आगे की जांच जारी

CCB स्पेशल इन्वेस्टिगेशन डिवीजन ने इस मामले में केस दर्ज किया है। टीम अब यह जांच कर रही है कि यह नेटवर्क कितना बड़ा है, और क्या शहर के अन्य हिस्सों में भी ऐसी सप्लाई होती थी. FSL रिपोर्ट आने के बाद मिलावट की पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी।