ट्रंप 50%टैरिफ के बीच FY 2025-26 की पहली तिमाही में भारत की GDP में जबरदस्त उछाल, 7.8% दर्ज हुई विकास दर...
नई दिल्ली। ट्रंप टैरिफ (Trump Tariff) की बीच भारत की जीडीपी में जबरदस्त उछाल देखा गया है। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में भारत की विकास (India Growth Rate) दर 7.8% रही। पिछले साल इसी तिमाही में विकास दर 6.5 फीसदी थी।
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में वास्तविक जीडीपी (Real GDP) ₹47.89 लाख करोड़ अनुमानित है, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में यह ₹44.42 लाख करोड़ थी, जो 7.8% की वृद्धि दर दर्शाती है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अप्रैल में सभी देशों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया था। इसके बावजूद अप्रैल-जून के दौरान भारत ने पांच तिमाही में सबसे तेज ग्रोथ दर्ज की है। बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज विकास दर भारत की ही है। अप्रैल-जून 2025 में चीन की विकास दर 5.2 प्रतिशत रही थी।
इस ग्रोथ रेट में सरकारी खपत की महत्वपूर्ण भूमिका लगती है। निजी खपत (PFCE) की वृद्धि दर 8.3 प्रतिशत से घटकर 7.0 प्रतिशत रह गई, लेकिन सरकारी खपत (GFCE) की वृद्धि दर -0.3 प्रतिशत की तुलना में 7.4 प्रतिशत हो गई। पूंजी निवेश की दर में भी इजाफा हुआ है। यह 6.7 प्रतिशत से बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो गई है।
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में नॉमिनल जीडीपी या वर्तमान मूल्यों पर जीडीपी ₹86.05 लाख करोड़ अनुमानित है, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में यह ₹79.08 लाख करोड़ थी, जो 8.8% की वृद्धि दर दर्शाती है।
कौन से क्षेत्र किस रफ्तार से बढ़ रहे आगे
* कृषि और संबद्ध क्षेत्र की विकास दर (GVA) 3.7 प्रतिशत रही, 2024-25 की पहली तिमाही में 1.5 प्रतिशत थी।
* मैन्युफैक्चरिंग की ग्रोथ रेट 7.6 प्रतिशत के मुकाबले 7.7 प्रतिशत रही।
* ट्रेड, ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन सर्विसेज की ग्रोथ 5.4 प्रतिशत से बढ़कर 8.6 प्रतिशत।
* फाइनेंशियल, रियल एस्टेट की वृद्धि दर 6.6 प्रतिशत से बढ़कर 9.5 प्रतिशत।
* माइनिंग की ग्रोथ निगेटिव रही, पिछले साल के 6.6 प्रतिशत की तुलना में -3.1 प्रतिशत।
* बिजली, गैस जैसी यूटिलिटी सर्विसेज की ग्रोथ भी 10.2 प्रतिशत से घटकर 0.5 प्रतिशत पर आ गई।
जर्मनी को पीछे छोड़ देगा भारत
आईएमएफ के अनुसार, आने वाले वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। नवीनतम रिपोर्ट बताती है कि अमेरिका के भारी टैरिफ के बावजूद, भारत की अर्थव्यवस्था 2028 तक पीपीपी के लिहाज से अमेरिका से आगे निकल सकती है।