गूगल क्रोम यूजर्स हो जाएं अलर्ट, डेटा हो सकता है चोरी, सरकार ने दी हाई-रिस्क वार्निंग...
दुनिया में सबसे ज्यादा यूज होने वाले वेब ब्राउजर गूगल क्रोम के यूजर्स को अलर्ट हो जाने की जरूरत है। इसमें कुछ ऐसी सुरक्षा खामियां पाई गई हैं, जिसका फायदा उठाकर अटैकर्स यूजर्स का डेटा चोरी कर सकते हैं। इसे देखते हुए सरकारी एजेंसी इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने सिक्योरिटी वार्निंग जारी की है।
अगर आप क्रोम यूज करते हैं तो इस वार्निंग के बारे में जानना जरूरी है। आइए जानते हैं कि क्रोम में क्या-क्या खामियां पाई गई हैं और यूजर्स को अब क्या करना चाहिए।
सिक्योरिटी वार्निंग में कही गई यह बात
CERT-In ने गूगल क्रोम में CVE-2025-13223 और CVE-2025-13224 नाम से दो बड़ी खामियां का पता लगाया है। इन्हें हाई-रिस्क के तौर पर आइडेंटिफाई किया गया है, जिसका मतलब है कि अटैकर्स रिमोटली किसी सिस्टम को कॉम्प्रोमाइज कर सकते हैं। ये खामियां V8 इंजन में टाइप कंफ्यूजन एरर के कारण आई है। यह इंजन जावास्क्रिप्ट और वेबअसेंबली को प्रोसेस करता है। जब टाइप कंफ्यूजन एरर आता है तो ब्राउजर अनसेफ तरीके से मेमोरी को एक्सेस करने की कोशिश करता है। इससे मलेशियस कोड एग्जीक्यूट किया जा सकता है। इसका फायदा उठाकर हैकर्स आपके सिस्टम में हार्मफुल प्रोग्राम इंस्टॉल कर सकते हैं।
गूगल भी दे चुकी है वार्निंग
गूगल भी इनमें से CVE-2025-13223 खामी को लेकर वार्निंग दे चुकी है. गूगल के थ्रेट एनालिसिस ग्रुप ने 12 नवंबर को इस बग का पता लगाया था. यह इस साल का सातवां जीरो-डे फ्लॉ है. यानी 2025 में सात बार ऐसा हो चुका है, जब किसी बग के बारे में गूगल से पहले हैकर्स को पता चल चुका है. इस बग के कारण विंडोज और मैक पर 142.0.7444.175/.176 से पुराने और Linux पर 42.0.7444.175 से पुराने वर्जन पर ज्यादा खतरा है।
यूजर्स को यह काम करने की सलाह
गूगल लगातार क्रोम की सिक्योरिटी को मजबूत करने के लिए काम कर रही है और उसने इस बग के लिए भी सिक्योरिटी पैच जारी कर दी है। इसे यूजर्स के लिए रोल आउट किया जा रहा है। अगर आपको क्रोम में कोई अपडेट पेंडिंग दिख रही है तो इसे तुरंत इंस्टॉल कर लें। ऐसी सुरक्षा खामी और बढ़ते साइबर हमलों से बचाव के लिए नियमित तौर पर क्रोम और दूसरी ऐप्स को अपडेट करने की सलाह दी जाती है।