सनातन एकता पदयात्रा कृष्ण जन्मभूमि आंदोलन को नई धार देंगे धीरेंद्र शास्त्री, एजेंडे में शामिल है मथुरा का मुद्दा, केंद्रीय मंत्री खट्टर भी शामिल...
मथुरा। बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दिल्ली के छतरपुर से सात नवंबर से सनातन हिंदू एकता पदयात्रा शुरू की। जगह-जगह सनातनियों को यात्रा से जोड़ते हुए 16 नवंबर को ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में धर्म ध्वजा चढ़ाने के साथ यात्रा का विराम होगा। यह यात्रा केवल सनातनियों को एकजुट करने के लिए ही नहीं बल्कि कई महत्वपूर्ण मुद्दों के लिए भी की जा रही है।
यात्रा के एजेंडे में भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण भी प्रमुख मुद्दे के रूप में शामिल है। भले ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा सीधे तौर पर जन्मभूमि आंदोलन से सीधे तौर पर नहीं जुड़े हैं। लेकिन इन संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता पूरे कार्यक्रम की जिम्मेदारी संभाले हैं।
13 नवंबर को होगा प्रवेश
13 नवंबर को आगरा-दिल्ली हाईवे स्थित कोटवन सीमा से पदयात्रा का जिले की सीमा में प्रवेश होगा। काशी-अयोध्या के मथुरा की बारी है। यह नारा काफी समय से गूंज रहा है। लेकिन वर्ष 2020 में लंबे समय बाद जन्मभूमि और शाही मस्जिद ईदगाह को लेकर कानूनी लड़ाई एक बार फिर तेज हो गई। इसके साथ ही इस मुद्दे में तेजी आ गई। बीते लोकसभा चुनाव के साथ ही अन्य कई मौकों पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी काशी-अयोध्या के बाद मथुरा की बारी का जिक्र किया। अब इस मुद्दे को धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा नई धार देगी।
यात्रा के पीछे जो उद्देश्य हैं, उसमें हिंदुओं को एकजुट कर भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने, कान्हा की कालिंदी को स्वच्छ और सुंदर बनाने, ब्रज क्षेत्र को मांस मंदिरा से मुक्त करने के साथ ही श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर दिव्य और भव्य मंदिर बनाना भी है। पिछले करीब एक वर्ष से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ब्रज में आगमन भी खूब हुआ। यहां के साधु-संतों से वह अक्सर आशीर्वाद लेने आते हैं। 15 अक्टूबर को उन्होंने पदयात्रा में लोगों को आमंत्रित करने के लिए अक्षत वितरण समारोह भी आयोजित किया।
हजारों लोगों के बीच उनके भाषण के केंद्र में जन्मभूमि थी। नारा भी कृष्ण लला हम आएंगे, मंदिर यहीं बनाएंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पूर्व में कहा कि जन्मभूमि का मुद्दा उनके एजेंडे में नहीं है, लेकिन स्वयंसेवक इसके लिए स्वतंत्र हैं। आरएसएस से जुड़े स्वयंसेवक भी बड़ी संख्या में इस पदयात्रा में अहम भूमिका निभा रहे हैं। जिले में यात्रा की व्यवस्था में लगे रामकटोर पांडेय और मृदुलकांत शास्त्री कहते हैं कि जन्मभूमि का मुद्दा भी हमारे एजेंडे में हैं। यात्रा के दौरान धीरेंद्र शास्त्री के जन्मभूमि पर दर्शन करने को वह फिलहाल इन्कार कर रहे हैं। उनका कहना है कि जन्मभूमि पर दर्शन करने का यात्रा के दौरान फिलहाल कोई कार्यक्रम नहीं है।
सेलिब्रिटी लगाएंगे यात्रा में चार चांद
सनातन पद यात्रा में वृंदावन में देश के कई बड़े साधु-संत भी शामिल होंगे। कई फिल्मी सितारे भी इसमें चार चांद लगाएंगे। कथावाचक आचार्य मृदुलकांत शास्त्री ने बताया कि फिल्म अभिनेता संजय दत्त और राजपाल यादव भी इसमें शामिल होंगे। इसके अलावा कई अन्य सेलिब्रिटी भी यात्रा में आएंगे। जल्द ही अन्य सेलिब्रिटी का कार्यक्रम भी तय होगा।
यात्रा के एजेंडे में यह मुद्दे हैं शामिल
* -समाज में समरसता स्थापित हो।
* -भारत हिंदू राष्ट्र बने।
* -मां यमुना स्वच्छ और सुंदर बहें।
* -ब्रजधाम क्षेत्र मांस और मंदिर का पूरी तरह से प्रतिबंध हो।
* -गोमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान मिले तथा गो अभ्यारण्य की स्थापना हो।
* -प्राचीन वृंदावन पुन: स्थापित हो, वहां के मंदिर और रज सुरक्षित रहें।
* -श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर दिव्य और भव्य मंदिर का निर्माण हो।