वाराणसी में कचहरी ब्लास्ट की बरसी पर मृतकों को आज वकीलों ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि, सुरक्षा बढ़ाने की उठाई मांग...
वाराणसी, ब्यूरो। कचहरी में हुए बम धमाके की बरसी पर वकीलों ने परिसर में मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर बनारस बार के अधिवक्ताओं ने शहीदों को नम आंखों से याद किया। बताते चलें कि 23 नवंबर 2007 को वाराणसी कचहरी में हुए इस भयानक विस्फोट में अधिवक्ताओं समेत कुल 9 लोगों की जान चली गई थी।
इस दिन को याद करते हुए, वाराणसी की कचहरी परिसर में वकीलों ने श्रद्धांजलि दी। 2007 में हुए इस बम धमाके के अलावा फैजाबाद, लखनऊ और वाराणसी की कचहरियों में एक साथ बम विस्फोट उस दिन हुए थे। वाराणसी कचहरी में हुए विस्फोट की बरसी पर अधिवक्ताओं ने न केवल श्रद्धांजलि दी, बल्कि परिसर की सुरक्षा को लेकर भी चिंता व्यक्त की।
23 नवंबर 2007 को लखनऊ, अयोध्या और वाराणसी की कचहरी परिसर में हुए सीरियल ब्लास्ट में काशी में तीन वकील समेत कुल नौ लोगों की जान चली गई थी। इस घटना में 50 से अधिक लोग घायल हुए थे। उस दिन दीवानी कचहरी के सामान्य माहौल के बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय अपने बड़े भाई की हत्या के मामले में गवाही देने के लिए कचहरी पहुंचे थे। इसी दौरान दोपहर में लगातार दो धमाके हुए, जिससे लोगों को लगा कि अजय राय पर हमला हुआ है। लेकिन थोड़ी देर बाद पता चला कि यह एक आतंकी हमला था, जिसमें नौ लोगों की जान गई।
इस धमाके की जांच के दौरान एटीएस ने पाया कि दीवानी कचहरी में मुख्तार उर्फ राजू और सज्जाद ने साइकिल में टिफिन बम को प्लांट किया था। ये आतंकी कश्मीर से जौनपुर आए थे। जौनपुर निवासी अब्दुल खालिद को आतंकियों को शरण देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
इसके अलावा, आजमगढ़ निवासी हकीम उर्फ तारिक उर्फ कासिम को इस आतंकी घटना की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इस कचहरी में हुए सीरियल ब्लास्ट में कुल 10 आतंकियों के नाम सामने आए थे। इनमें से आतंकी संगठन हूजी के कमांडर हम्मास को एटीएस और कश्मीर पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था।
वाराणसी कचहरी में हुए इस भयानक विस्फोट की यादें आज भी लोगों के दिलों में ताजा हैं। वकीलों ने श्रद्धांजलि देने के साथ परिसर में सुरक्षा के लिए और कदम उठाए जाने की मांग की।