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Kashi Tamil Sangamam 4.0: 2 दिसंबर से शुरू काशी तमिल संगमम सांस्कृतिक महाकुंभ, 1,400 से अधिक प्रतिनिधि होंगे शामिल...

Kashi Tamil Sangamam 4.0: 2 दिसंबर से शुरू काशी तमिल संगमम सांस्कृतिक महाकुंभ, 1,400 से अधिक प्रतिनिधि होंगे शामिल...

वाराणसी ब्यूरो। रक्षा मंत्रालय 2 दिसंबर 2025 से काशी तमिल संगमम (KTS) के चौथे संस्करण की शुरुआत करने जा रहा है। यह आयोजन तमिलनाडु और काशी के बीच प्राचीन सभ्यतागत संबंधों को नए सिरे से समझने, संजोने और मजबूत करने का प्रयास है। यह कार्यक्रम 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना को साकार करता है। 

आधिकारिक सूचना के अनुसार, इच्छुक प्रतिभागी kashitamil.iitm.ac.in पर आवेदन कर सकते हैं। पंजीकरण की अंतिम तिथि 21 नवंबर 2025 शाम 8 बजे निर्धारित की गई थी। चयन के लिए क्विज़ 23 नवंबर 2025 को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजित की जा रही है।

इस वर्ष की थीम

कश्मीर तमिल संगमम 2025 की थीम "Learn Tamil - Tamil Karkalam" रखी गई है, जिसका उद्देश्य पूरे देश में तमिल भाषा के अध्ययन को बढ़ावा देना और भारत की शास्त्रीय भाषाई एवं साहित्यिक विरासत के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।

1,400 से अधिक प्रतिनिधि होगा शामिल

तमिलनाडु से 1,400 से अधिक प्रतिनिधि सात श्रेणियों में भाग लेंगे, जिसमें छात्र, शिक्षक, लेखक एवं मीडिया प्रतिनिधि, कृषि और संबद्ध क्षेत्र, पेशेवर और कारीगर, महिलाएं, आध्यात्मिक विद्वान एवं साधक शामिल हैं।

8 दिन का अनुभवात्मक भ्रमण

प्रतिनिधि 8 दिनों की यात्रा पर रहेंगे, जिसमें वाराणसी, प्रयागराज और अयोध्या का भ्रमण शामिल होगा। इस दौरान वे, संगोष्ठियों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, स्थानीय भाषा, व्यंजन, हस्तशिल्प और परंपराओं से जुड़े अनुभव, शैक्षणिक चर्चाओं में भाग लेंगे।

प्रतिनिधियों को वाराणसी के महत्वपूर्ण तमिल स्थलों का भ्रमण भी कराया जाएगा, जिनमें, महाकवि सुब्रह्मण्य भारती का पैतृक घर, केदार घाट, "लिटिल तमिलनाडु" में स्थित काशी मदम, श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, माता अन्नपूर्णा मंदिर, शामिल हैं। साथ ही, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के तमिल विभाग में साहित्यिक और शैक्षणिक कार्यक्रम भी होंगे।

IIT मद्रास और BHU करेंगे आयोजन

कार्यक्रम का आयोजन IIT मद्रास और BHU वाराणसी द्वारा किया जा रहा है और इसे कई केंद्रीय मंत्रालयों व उत्तर प्रदेश सरकार का सहयोग प्राप्त है।

प्रमुख पहल

KTS 4.0 के तहत कई नई पहलों को शामिल किया गया है, जिनमें, तेनकासी से काशी तक 'सगऋषि अगस्त्य वाहन यात्रा' उत्तर प्रदेश के विद्यालयों में तमिल भाषा शिक्षण, यूपी के छात्रों के लिए तमिल अध्ययन शैक्षणिक भ्रमण शामिल हैं।

काशी तमिल संगमम 4.0 का उद्देश्य दोनों क्षेत्रों के लोगों को और करीब लाना, सांस्कृतिक आदान-प्रदान को व्यापक बनाना और भारत की विविधता में एकता को मजबूत करना है।