कोडीन माफिया हो या गांजे का तस्कर... यूपी के इन जिलों में चला NDPS का डंडा,98 फार्मेसियों के लाइसेंस रद्द, 11 पर FIR हुआ दर्ज...
लखनऊ/वाराणसी ब्यूरो। उत्तर प्रदेश में नशे के सौदागरों पर बड़ी कार्रवाई हुई है। सोमवार की सुबह औषधि विभाग और पुलिस ने मिलकर जौनपुर, वाराणसी, भदोही, सोनभद्र, लखीमपुर खीरी और प्रयागराज में एक साथ छापेमारी की। इस दौरान कोडीन युक्त कफ सिरप की लाखों बोतलें जब्त की गईं।
यह कार्रवाई Abbott, Laborate और Three-B Healthcare जैसी बड़ी कंपनियों की सप्लाई चेन पर की गई। NDPS एक्ट के तहत 11 प्रमुख फर्मों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। अधिकारियों का कहना है कि ये कंपनियां बिना डॉक्टर की पर्ची के नशेड़ियों को लाखों की बोतलें बेच रही थीं।
वाराणसी कोडीन का गढ़ बन गया था, जहां 28 दुकानों पर ताला लगा दिया गया। जौनपुर में 16, भदोही में 14, प्रयागराज में 18, सोनभद्र में 12 और लखीमपुर खीरी में 10 दुकानों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए। कुल मिलाकर 98 फार्मेसियों के लाइसेंस खत्म हो गए।
औषधि नियंत्रक ने साफ कहा है कि अब उत्तर प्रदेश में कोडीन का एक मिलीलीटर भी बिना डॉक्टर की पर्ची के नहीं बिकेगा। जो भी इसका उल्लंघन करेगा, उसका कारोबार बंद कर दिया जाएगा। सभी जिलों के डीएम को 24×7 निगरानी रखने के सख्त आदेश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय का संदेश स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश को नशा मुक्त बनाने की लड़ाई अपने अंतिम चरण में है। कोडीन माफिया हो या गांजे का गैंग, सभी को कुचल दिया जाएगा। यह बड़ी कार्रवाई नशे के कारोबार पर लगाम कसने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। लाखों की बोतलें जब्त होने से नशे के सौदागरों को बड़ा झटका लगा है। अब बिना पर्ची के कोडीन युक्त कफ सिरप बेचना नामुमकिन हो जाएगा। यह सुनिश्चित करेगा कि दवाएं सिर्फ जरूरतमंदों तक ही पहुंचें, न कि नशेड़ियों तक।
इस कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि सरकार नशे के खिलाफ बिल्कुल भी ढील नहीं बरतेगी। चाहे वह कोडीन हो या कोई और नशीला पदार्थ, सभी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लोगों को भी जागरूक रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत अधिकारियों को देने की अपील की गई है।