वाराणसी से चला क्रूज अनियंत्रित होकर चंदौली में पांटून पुल से टकराया, पीपे हुए तितर-बितर, बड़ा हादसा टला...
वाराणसी/चंदौली ब्यूरो। यूपी के चंदौली में गंगा नदी पर निर्माणाधीन पांटून पुल के साथ शनिवार शाम एक भयानक हादसा होते-होते बच गया। वाराणसी से गाजीपुर की ओर जा रहा एक मालवाहक क्रूज अचानक अनियंत्रित हो गया और टांडा कला से कैथी मार्कण्डेय महादेव तक बन रहे पुल से जोरदार टक्कर मार दी।
इस टक्कर से पुल के पीपे तितर-बितर हो गए, और लगभग पूरा हो चुका निर्माण तीन हिस्सों में बंट गया। हालांकि, क्रूज और उसमें सवार चालक दल के सभी सदस्य सुरक्षित रहे। इस घटना से रविवार को प्रस्तावित पुल पर आवागमन शुरू करने की योजना पर पानी फिर गया, और अब इसमें देरी होने की संभावना है।
घाट दरोगा दीना सिंह ने बताया कि टांडा कला गंगा घाट पर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के कर्मचारी एक नवंबर से पांटून पुल को जोड़ने का काम कर रहे थे। यह पुल टांडा कला गांव के सामने से कैथी घाट तक फैला हुआ है, जो गंगा नदी के दोनों किनारों को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा था। निर्माण कार्य लगभग 90 प्रतिशत पूरा हो चुका था और स्थानीय ग्रामीणों में रविवार से आवागमन शुरू होने की बड़ी उम्मीद थी। इससे क्षेत्र के लोगों को वाराणसी, चंदौली और गाजीपुर के बीच आने-जाने में सुविधा मिलने वाली थी। पुल पीपे (पांटून) और लोहे की मजबूत रस्सियों से बना था, जो नदी की धारा में स्थिर रहता।
शनिवार शाम वाराणसी से गाजीपुर जा रहा मालवाहक क्रूज टांडा कला घाट के पास पहुंचा। अचानक क्रूज का संतुलन बिगड़ गया, संभवतः तेज धारा या तकनीकी खराबी के कारण ऐसा हुआ। क्रूज की गति इतनी तेज थी कि वह सीधे पुल के मध्य भाग से जा टकराया। टक्कर की जोरदार आवाज दूर तक गूंजी। पुल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। टक्कर से पीपे उखड़कर तितर-बितर हो गए और पुल तीन टुकड़ों में विभाजित होकर हिलने लगा। कम से कम 10 मोटी लोहे की रस्सियां टूट गईं, जिससे पुल की संरचना पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गई।
हालांकि क्रूज में लदा माल सुरक्षित रहा और जहाज में सवार चालक दल के सदस्यों को कोई चोट नहीं आई। क्रूज को घटनास्थल पर ही रोका गया और बाद में उसे सुरक्षित निकाल लिया गया। स्थानीय प्रशासन और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने क्षति का जायजा लिया और मरम्मत कार्य शुरू करने के आदेश दिए। अधिकारी ने बताया कि पुल की मरम्मत में कम से कम एक सप्ताह लग सकता है। इससे आवागमन की शुरुआत टल जाएगी।
यह हादसा गंगा नदी पर बढ़ते जल यातायात और निर्माण कार्यों के बीच सुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि नदी की तेज धारा में क्रूज का संचालन सावधानी से करना चाहिए और निर्माणाधीन पुलों के आसपास चेतावनी सिग्नल लगाए जाने चाहिए। स्थानीय लोग घटना से सहमे हुए हैं, लेकिन राहत की बात है कि जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ।