Khesari Lal Yadav Defeat Reason: खेसारी लाल यादव छपरा से जीत जाते चुनाव, अगर न करते यह गलती तो, कहां हो गई इनसे चूक? जानिए डिटेल में...
Khesari Lal Yadav News: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आ चुके हैं। एनडीए ने 202 सीटें के साथ प्रचंड बहुमत हासिल की है। महागठबंधन 35 सीटें ही जीतने में सफल रही। मगर, इस चुनाव में छपरा विधानसभा सीट का काफी चर्चा हो रहा था। क्योंकि यहां से राजद से भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव (शत्रुघ्न यादव) मैदान में थे।
उनकी जीत तय मानी जा रही थी। लेकिन, उनको भाजपा उम्मीदवार से हार का सामना करना पड़ा। उनकी हार ने सबको चौंका दिया। अब ये जानना जरूरी है कि खेसारी की हार कैसे हुए, वे कहां पर चूके? चलिए जानने की कोशिश करते हैं कि उनके हार के प्रमुख कारण क्या थे।
खेसारी लाल यादव ने जब चुनाव लड़ने का फैसला किया था, तब उनके प्रशंसकों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। उनकी लोकप्रियता को देखते हुए राजद भी उनकी जीत के लिए आश्वस्त थी। हालांकि, चुनावी प्रचार के दौरान वह सियासी माहौल भांपने में असफल रहे। उन्होंने कई ऐसे बयान दिए, जिसे उनके प्रतिद्वंद्वियों ने मुद्दा बनाया और जीत हासिल की।
खेसारी लाल यादव के चुनाव प्रचार के दौरान कुछ विवादास्पद बयान
राम मंदिर पर विवादस्पद बयान: खेसारी लाल यादव चुनावी प्रचार के दौरान काफी मजबूत दिख रहे थे। लेकिन, राम मंदिर पर उनके बयान ने उनकी लोकप्रियता और वोट बैंक पर बैकफायर कर दिया। उन्होंने राम मंदिर को लेकर विवादास्पद बयान देते हुए कहा था, 'राम मंदिर में पढ़कर कोई मास्टर बनेगा क्या? इसकी जगह अस्पताल या कॉलेज बनना चाहिए।' इनके इस बयान से हिंदू वोटबैंक को नाराज कर दिया, जो उनके हार का प्रमुख कारण बना।
वहीं, लोकल लोगों ने 'छपरा हार: ताड़े छक्का' (छपरा छक्का नहीं मारेगा) वाला गाना बनाकर विरोध किया। वहीं, भाजपा ने इसे 'राम मंदिर का अपमान' बताकर प्रचार किया।
अपने ही बिरादरी से बैर मोल ले लिए: दरअसल, अपने चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने अपने फैटरनिटी से बैर मोल ले लिया। अपने प्रचार के दौरान उन्होंने भोजपुरी इंडस्ट्री के कलाकरों पर हमला बोल दिया। उन्होंने मनोज तिवारी, रविकिशन, दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' और पवन सिंह पर भी हमला बोला, जिसके बाद ये सभी कलाकार उन पर हमला किया। जिससे उनकी लोकप्रियता को हानि पहुंची। भोजपुरी पसंद करने वाले एक बड़ा तबका उनके खिलाफ हो लिया, जो उनकी हार का प्रमुख कारण बना।
मोदी-नीतीश की आंधी: इस बार बिहार चुनाव कम, नीतीश और मोदी की आंधी थी। इसे भांपने में वह और उनकी पार्टी पूरी तरह असफल रही है। नीतीश-मोदी की इस आंधी में कहीं टिकते हुए नजर नहीं आए और जनता ने एनडीए समर्थित उनके विरोधी उम्मीदवार को जमकर वोट किया।
चौथा:'जंगलराज अच्छा था' वाला बयान- इस बयान ने खेसारी लाल को काफी नुकसान पहुंचाया। चुनावी प्रचार के दौरानप्रचार के दौरान खेसारी ने कहा, 'जंगलराज सही था, फिरौती देकर लोग जिंदा तो रहते थे।' यह बयान एनडीए के 'सुशासन' एजेंडे पर सीधा हमला था, लेकिन छपरा जैसे क्षेत्र में, जहां अपराध और अपहरण के पुराने जख्म ताजा हैं, यह उल्टा पड़ा, ई उनके इस बयान को भाजपा ने इसे भुनाया। वहीं, पवन सिंह ने पलटवार करते हुए कहा, '15 साल पहले बिहार में क्या था, आज क्या है? फर्क खुद ही अपने आंखों से देखिए।'