मेडिकल सर्जरी में बड़ा धमाका :: एम्स ने किया बड़ा दावा...2 घंटे की सर्जरी और डायबिटीज से अब मिलेगा छुटकारा...
नईदिल्ली, ब्यूरो। डायबिटीज से भी छुटकारा मिल सकता है। इसके लिए बहुत जद्दोजहद की भी जरूरत नहीं है। सिर्फ दो घंटे की सर्जरी से इस बीमारी से मुक्ति मिल सकती है। सर्जरी के 24 घंटे के अंदर अनकंट्रोल डायबिटीज ठीक हो जाती है। मरीज को दवा की जरूरत नहीं पड़ती।
मोटापे की इस सर्जरी से डायबिटीज हो रहा ठीक
एम्स के सर्जन का दावा है कि 35 मरीजों ने यह सर्जरी कराई और सभी को इस बीमारी से छुटकारा मिल गया है। डॉक्टर ने कहा कि मोटापे के लिए शुरू की गई इस सर्जरी से डायबिटीज भी क्योर हो रहा है और अब लोग अनकंट्रोल डायबिटीज के लिए यह सर्जरी करा सकते हैं। एम्स के सर्जरी विभाग के अडिशनल प्रोफेसर डॉ. मंजूनाथ ने बताया पिछले एक से सवा साल के बीच 120 में से 35 ऐसे मरीज थे, जिन्होंने केवल डायबिटीज की वजह से यह सर्जरी कराई थी।
केस स्टडी 1
सर्जरी कराने वाले में एक सांसद है। उम्र 65 साल। बॉडी मास इंडैक्स 27 से ज्यादा था। HbA1c 11.7 था। शुगर लेवल अनकंट्रोल था। 15 साल से डायबिटीज के मरीज थे और रोजाना 4 दवाओं के बाद भी शुगर लेवल अनकंट्रोल रहता था। सर्जरी के बाद लगभग 5 महीने हो गए, उन्हें शुगर कंट्रोल के लिए दवा की जरूरत नहीं पड़ रही है।
केस स्टडी 2
हार्ट अटैक की शिकार एक महिला इलाज के लिए कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट पहुंची। ब्लॉकेज पाया गया। उन्हें डायबिटीज भी थी। उन्हें हमारे विभाग में रेफर किया। पीड़ित महिला ने कहा कि हार्ट अटैक का तो पता नहीं, कम से कम डायबिटीज से ही छुटकारा मिल जाए। हमने उनकी सर्जरी इस साल मई में की, तब से लेकर अब तक उनका शुगर लेवल कंट्रोल में है।
किसके लिए है यह सर्जरी
डॉक्टर मंजूनाथ ने बताया कि वो लोग जो दो साल से डायबिटीज के मरीज हो, HbA1c का लेवल 7.5 से ज्यादा हो, कम से कम 3 दवाओं के इस्तेमाल के बाद भी शुगर अनकंट्रोल हो।
किसे सर्जरी की जरूरत नहीं
जो लोग 15 साल से भी ज्यादा समय से डायबिटीज के मरीज है, जिन्हें इंसुलिन की 100 यूनिट तक लेनी पड़ती हो। दूसरा जिनका HbA1c का स्तर 6.5 है, उन्हें इस भी जरूरत नहीं होती है।
क्या खास है इस सर्जरी में
डॉक्टर मंजूनाथ ने बताया कि इस सर्जरी में पहले पेट के साइज को छोटा कर इसे एक ट्यूब में बदला जाता है। इसमें पेट के जिस हिस्से प्रकार के हार्मोन बनते है, उसे फूड पाइप में आने से रोका जाता है। इसमें फूड पाइप को बाईपास तरीके से इंटेस्टाइन में जोड़ा जाता है, जिससे यह प्रक्रिया डायबिटीज को कंट्रोल करती है।