आज से मुंबई के कांदिवली में शंकराचार्य स्वामी नारायणानन्द तीर्थ जी के सान्निध्य में हुआ श्रीमद् भागवत ज्ञानयज्ञ का शुभारंभ...
महाराष्ट्र राज्य ब्यूरो, मुंबई।श्री नारायण सेवा समिति, कांदिवली (पूर्व), मुंबई के तत्वावधान में आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञानयज्ञ सप्ताह का आज भव्य एवं दिव्य वातावरण में शुभारंभ हुआ। अनन्त श्री विभूषित काशी धर्म पीठाधीश्वर, जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नारायणानन्द तीर्थ जी महाराज के पावन मार्गदर्शन एवं सान्निध्य में यह आयोजन अत्यंत श्रद्धा, उत्साह और सनातन चेतना के साथ प्रारंभ हुआ।
प्रथम दिन कांदिवली स्थित श्री विश्वकर्मा मंदिर से कथा स्थल डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मैदान, लोखंडवाला कॉम्प्लेक्स तक एक विशाल एवं भव्य शोभायात्रा निकाली गई। इस शोभायात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उत्साहपूर्वक सहभागी बनें। विशेष रूप से सैकड़ों महिलाएं पीले वस्त्र धारणकर सिर पर कलश लेकर लगभग 4 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए यज्ञ स्थल तक पहुंचीं। पूरे मार्ग में "हरि नाम" के संकीर्तन, भजन और जयघोष से वातावरण भक्तिमय हो उठा जो कि शोभायात्रा का प्रमुख आकर्षण रहीं।
यज्ञ स्थल पर पहुंचकर श्रद्धालु महिलाओं एवं भक्तों ने जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी नारायणानन्द तीर्थ जी महाराज के प्रेरक प्रवचन का श्रवण किया। अपने प्रथम दिवस के उद्बोधन में स्वामी जी ने कहा- "सनातन धर्म विश्व का सबसे प्राचीन धर्म है। सनातन धर्म के बिना किसी भी धर्म की संकल्पना संभव नहीं है। यही धर्म मानवता, करुणा, सत्य और आत्मकल्याण का मूल आधार है।
स्वामी जी ने श्रीमद् भागवत महापुराण को जीवन-मार्गदर्शक ग्रंथ बताते हुए कहा कि भागवत कथा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि जीवन को सदाचार, भक्ति और ज्ञान से जोड़ने का माध्यम है।
प्रथम दिवस के आयोजन में क्षेत्र के अनेक धर्मप्रेमी नागरिक, समाजसेवी तथा श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। पूरे पंडाल में अनुशासन, भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा का अद्भुत संगम देखने को मिला।
आयोजकों ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे 24 दिसंबर 2025 से 01 जनवरी 2026 तक प्रतिदिन सायं 3.00 बजे से 6.00 बजे तक आयोजित होने वाली श्रीमद् भागवत कथा में सपरिवार उपस्थित होकर धर्मलाभ अर्जित करें। उक्त जानकारी काशी धर्म पीठ के प्रवक्ता प्रो. दयानंद तिवारी ने मीडिया और प्रेस को दी है।