आज सुबह चिल्लाते-विरोध करते रहे लोग, चलता रहा बुलडोजर, करोड़ों के बारात घर मलबे में हुआ तब्दील...
यूपी के बरेली में पुराने शहर के सूफी टोला में लोगों की चीख पुकार, विरोध के बीच एवान-ए-फरहत और गुड मैरिज होम बारातघरों पर बुलडोजर गरजता रहा। इस दौरान ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को रोकने के लिए महिलाएं बच्चों को गोद में लेकर बुलडोजर के सामने खड़ी हो गईं। अपनी बेबसी का इजहार करती रहीं। लेकिन कार्रवाई नहीं रुकी।
मंगलवार को पांच घंटे और आज बुधवार को सुबह से बुलडोजर एक्शन शुरू हो गया है। दोनों बारातघर कथित तौर पर आजम खां और मौलाना तौकीर के करीबी लोगों से जुड़े बताए जाते हैं। मंगलवार को बीडीए की टीम ने इन दोनों बारातघरों का लगभग 40 फीसदी हिस्सा तोड़ा था। बुधवार सुबह होते ही बीडीए टीम दोबारा मौके पर पहुंची और शेष अवैध हिस्सों पर ध्वस्तीकरण शुरू किया। दोनों बारातघरों की कीमत करोड़ों में बताई जा रही है।
सूफो टोला के इन दोनों अवैध बारातघरों के ध्वस्तीकरण का आदेश रविवार को जारी होते ही लोगों की नींद उड़ चुकी थी। सोमवार से ही हर कोई बुलडोजर को लेकर खौफ में था। रात गुजरी तो मंगलवार की सुबह 10 बजे रोज की तरह दुकानदार अपनी दुकानें खोलने पहुंचे। दोनों बारातघरों के ऊपर रहने वाले परिवार के सदस्यों को अंदेशा भी नहीं था कि कुछ ही घंटों बाद वही बारातघर और उनके आशियाने मलबे में तब्दील हो जाएंगे। जैसे ही पुलिस, पीएसी और बीडीए की टीम भारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंची, लोगों के होश उड़ गए। बीडीए, पुलिस टीम ने बारातघर और ऊपर के कमरों में रहने वालों को तुरंत परिसर खाली करने को कहा। यह सुनते ही कई लोगों की आंखें भर आईं। लोग सिसकते हुए अपना सामान बाहर निकालते रहे।
बारातघर पर बीडीए की प्रवर्तन टीम सुबह 11 बजे से ही उच्चाधिकारियों के आदेश का इंतजार कर रही थी। दोपहर करीब दो बजे बीडीए की टीम मौके पर पहुंची तो हंगामा होने लगा। बारातघर के ऊपर बने आवास में रहने वाले लोग बुलडोजर के सामने खड़े हो गए। महिलाएं गोद में बच्चे लेकर कार्रवाई का विरोध करने लगी। इस दौरान काफी धक्कामुक्की भी हुई लेकिन विरोध को दरकिनार कर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी गई।
छलकते रहे आंसू
परिवारजनों की आंखों में आंसू छलक रहे थे। कई ऐसे लोग थे जिनके घरों में चूल्हा तक नहीं जला था। बावजूद इसके वे किसी चमत्कार की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन कुछ भी नहीं हो सका। कुछ ही मिनटों में बुलडोजर बारातघर और मकानों के सामने खड़े हो गए। दो जेसीबी, एक पोकलैन जैसे ही दीवारों पर चलीं, लोगों की उम्मीदें भी धीरे-धीरे टूटने लगीं। दोपहर 2:15 बजे शुरू हुई यह कार्रवाई लगातार पांच घंटे तक चली।
कई थानों की पुलिस तैनात, बुलडोजर गरजे
कार्रवाई के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए कई थानों की फोर्स, मजिस्ट्रेट और बीडीए अधिकारी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। बीडीए के संयुक्त सचिव दीपक कुमार के अनुसार अवैध निर्माणों को लेकर पहले ही नोटिस दिए गए थे, लेकिन निर्धारित समय में पालन न होने पर यह कार्रवाई की गई। बीडीए की यह मुहिम शहर में अन्य अवैध निर्माणों पर भी जारी रहेगी।
1992 में किया गया था बारातघर का निर्माण
स्थानीय लोगों के अनुसार इन दोनों ही बारातघरों का निर्माण 1992 में हुआ था। उस दौरान यहां विवाह समारोह के आयोजन की बुकिंग दो से तीन हजार रुपये तक में होती थी। विवाह समारोह के लिए कई लोगों ने बुकिंग भी कराई थी।
छत से लेकर दरवाजे तक पर लगी रही भीड़
चलते बुलडोजरों को देखने के लिए आसपास के घरों की छतों पर भी महिलाएं, पुरुष और बच्चे थे। कुछ लोग अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई देख रहे थे। आसपास के निवासी खामोशी के साथ सरकार की कार्रवाई को देखते रहे।
सरफराज अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड के सदस्य रहे
आजम खां के नगर विकास मंत्री रहने के दौरान रहे सरफराज अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड के सदस्य रह चुके हैं। शहर में आजम खां जब भी आते हैं तो सरफराज के घर उनका स्वागत होता है। सरफराज अब अपने बेटे सैफ वली खान को सपा की राजनीति में जमाने की कोशिश कर रहे हैं।