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Exclusive: महिलाओं को 5,000 रुपये देने की तैयारी कर रही मध्यप्रदेश सरकार, CM मोहन यादव ने बताई पूरी प्लानिंग...

Exclusive: महिलाओं को 5,000 रुपये देने की तैयारी कर रही मध्यप्रदेश सरकार, CM मोहन यादव ने बताई पूरी प्लानिंग...

CM Mohan Yadav Interview: मध्य प्रदेश में मोहन यादव सरकार ने दो साल पूरे कर लिए हैं। इस मौके पर मीडिया से पॉडकास्ट में सीएम मोहन यादव ने बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अपनी सरकार के कामकाज और भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने लाडली बहना योजना, इंडस्ट्रियल ग्रोथ, प्रदेश से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें बताई।

सीएम ने कहा, पहले मध्य प्रदेश को बीमारू राज्य कहा जाता था। कांग्रेस के लंबे शासन में प्रति व्यक्ति आय बहुत कम थी, बजट छोटा था, सिंचाई का क्षेत्र सीमित था और मेडिकल कॉलेज सिर्फ पांच ही थे। अब तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। राज्य का बजट चार लाख इक्कीस हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। सिंचाई क्षेत्र दो साल में ही चालीस लाख हेक्टेयर से ज्यादा हो गया है। मेडिकल कॉलेजों की संख्या लगभग चालीस हो गई है। खेती तो पहले से अच्छी चल रही थी लेकिन अब उद्योगों पर भी पूरा ध्यान दिया जा रहा है।

लाडली बहना योजना पर बड़ा बयान

लाडली बहना योजना में पैसे बढ़ाए जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर सीएम ने कहा कि सरकार ने कभी अपने वादे से पीछे हटने का काम नहीं किया। उन्होंने बताया, योजना जून 2023 में 1000 रुपये से शुरू हुई थी। इसके बाद रक्षाबंधन पर 250 रुपये बढ़ाए गए और 2024 में फिर बढ़ोतरी हुई। अब भाईदूज से राशि 1500 रुपये कर दी गई है।

5,000 रुपये देने की योजना बना रही सरकार

सीएम मोहन यादव ने कहा कि सरकार सिर्फ घर में पैसा देने तक सीमित नहीं रहना चाहती। महिलाओं को बाहर आकर काम करने, गारमेंट, खिलौना उद्योग या अन्य क्षेत्रों में अपना हुनर दिखाने का मौका दिया जाएगा। सरकार VGF जैसी सहायता के जरिए महिलाओं की मासिक आमदनी 5,000 रुपये तक बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है।

अमित शाह की तारीफ पर क्या बोले CM मोहन यादव

ग्वालियर में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित ने सीएम मोहन यादव की काम की तारीफ करते हुए उनकी तुलना पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से की थी। शाह ने कहा था कि मोहन यादव और ज्यादा ऊर्जा के साथ प्रदेश को आगे बढ़ा रहे हैं।

इस सवाल पर सीएम ने कहा, मैं विनम्रता के साथ कहना चाहूंगा कि उनका आशीर्वाद मिलना निश्चित रूप से अच्छी बात है। लेकिन यह भी सच है कि एक समय मध्य प्रदेश को बीमारू राज्य माना जाता था। वर्ष 1956 में राज्य गठन के बाद से लगभग 2023 तक, कुछ अपवादों को छोड़ दें तो लंबे समय तक यहां कांग्रेस का ही शासन रहा। इसके बावजूद राज्य के कई प्रमुख सेक्टर अपेक्षित गति से आगे नहीं बढ़ पाए।

प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोत्तरी

उन्होंने कहा, अगर प्रति व्यक्ति आय की बात करें, तो 1956 से 2003 तक यह औसतन करीब एक हजार रुपये वार्षिक के आसपास ही रही। उस समय राज्य का कुल बजट भी सीमित था, जबकि आज यह बढ़कर लगभग 4 लाख 21 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। सिंचाई के क्षेत्र में भी पहले स्थिति बेहद कमजोर थी। इरिगेटेड एरिया करीब 7 लाख हेक्टेयर था, जिसे हमने डेढ़ साल के भीतर बढ़ाकर 8 लाख हेक्टेयर से ऊपर पहुंचा दिया।

स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति भी पहले चिंताजनक थी। वर्ष 2002-03 तक राज्य में केवल पांच मेडिकल कॉलेज थे, जबकि आज मध्य प्रदेश में करीब 40 मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं। ये आंकड़े अपने आप में बताते हैं कि बीते वर्षों में जमीन पर कितना बदलाव आया है।

कांग्रेस पर साधा निशाना

सीएम ने कांग्रेस पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी ने कोई भी योजना बंद नहीं की, बल्कि विकास के साथ-साथ सभी योजनाएं लगातार चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कर्जमाफी जैसे वादे किए लेकिन पूरे नहीं किए, जबकि बीजेपी जो कहती है, वही करती है।