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Global Arms Exporters 2025: ये रही दुनिया के सबसे ज्यादा हथियार बेचने वाले देशो की पूरी लिस्ट, ये देश है नंबर वन पर...

Global Arms Exporters 2025: ये रही दुनिया के सबसे ज्यादा हथियार बेचने वाले देशो की पूरी लिस्ट, ये देश है नंबर वन पर...

आज दुनिया में सुरक्षा सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है। युद्धों, सीमा विवादों और भू-राजनीतिक तनावों के कारण, लगभग हर देश अपना सैन्य बजट बढ़ा रहा है। इसका सीधा असर ग्लोबल हथियारों के बाज़ार पर पड़ा है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की एक रिपोर्ट बताती है कि पिछले कुछ सालों में हथियारों का व्यापार कुछ ही देशों के हाथों में सिमट गया है। रिपोर्ट के अनुसार, 2018 और 2022 के बीच, दुनिया के कुल हथियारों के निर्यात का लगभग तीन-चौथाई हिस्सा सिर्फ़ पाँच देशों से आया।

SIPRI की ताज़ा रिपोर्ट साफ़ तौर पर दिखाती है कि अमेरिका इस समय दुनिया का सबसे बड़ा हथियार निर्यातक है। 2020 और 2024 के बीच, ग्लोबल हथियारों के बाज़ार में अमेरिका की हिस्सेदारी लगभग 43 प्रतिशत थी। यह आँकड़ा खुद ही अमेरिका की ज़बरदस्त सैन्य-औद्योगिक शक्ति को दिखाता है। फाइटर जेट, मिसाइल सिस्टम, ड्रोन और एडवांस्ड टेक्नोलॉजी वाले हथियार अमेरिका से दुनिया भर के देशों को निर्यात किए जाते हैं। लॉकहीड मार्टिन और बोइंग जैसी कंपनियाँ इस निर्यात की रीढ़ मानी जाती हैं। अमेरिका के लिए एक बड़ा फ़ायदा यह है कि वह अपने सहयोगी देशों को सैन्य मदद और टेक्नोलॉजी दोनों देता है।

फ्रांस का उदय रूस से आगे निकल गया, दूसरा स्थान हासिल किया

फ्रांस ने हाल के सालों में हथियारों के निर्यात में एक बड़ी छलांग लगाई है। SIPRI के अनुसार, फ्रांस अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक है, जिसकी ग्लोबल बाज़ार में हिस्सेदारी लगभग 11 प्रतिशत है। राफेल फाइटर जेट फ्रांस की सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरा है। भारत द्वारा 36 राफेल विमानों की खरीद ने फ्रांस के निर्यात आँकड़ों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके अलावा, मिस्र, कतर और कई एशियाई देशों ने भी फ्रांसीसी हथियारों में दिलचस्पी दिखाई है।

रूस का घटता प्रभाव: युद्ध का असर

रूस, जिसे कभी हथियारों के बाज़ार में अमेरिका का सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी माना जाता था, अब तीसरे स्थान पर खिसक गया है। इसकी ग्लोबल बाज़ार हिस्सेदारी घटकर लगभग 7 से 8 प्रतिशत रह गई है। SIPRI के अनुसार, रूस के हथियारों के निर्यात में लगभग 64 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है। यूक्रेन में युद्ध के बाद, रूस को अपने हथियारों का इस्तेमाल अपनी रक्षा के लिए करना पड़ा। अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों और सप्लाई चेन की दिक्कतों ने भी इसके निर्यात को कमज़ोर किया है।

चीन अपने कम लागत वाले हथियारों की बदौलत चौथे स्थान पर है

चीन हथियारों के निर्यात के मामले में चौथे स्थान पर बना हुआ है, जिसकी बाज़ार हिस्सेदारी लगभग 5.8 प्रतिशत है। हालांकि, हाल के सालों में चीनी एक्सपोर्ट में थोड़ी गिरावट देखी गई है। पाकिस्तान चीन का सबसे बड़ा हथियार खरीदने वाला देश है, और चीनी हथियारों का एक बड़ा हिस्सा वहीं जाता है। अफ्रीका और एशिया के कई विकासशील देश कम कीमतों और अच्छी शर्तों के कारण चीन से हथियार खरीदते हैं।जर्मनी, तुर्की और इटली की बढ़ती भूमिका

हथियारों के एक्सपोर्ट में जर्मनी पांचवें स्थान पर है, जबकि इटली और तुर्की तेजी से उभरते हुए खिलाड़ी हैं। खासकर तुर्की ने अपनी ड्रोन टेक्नोलॉजी से दुनिया भर का ध्यान खींचा है। इटली के हथियारों के एक्सपोर्ट में भी हाल के सालों में काफी बढ़ोतरी हुई है।

आयातक से निर्यातक

भारत लंबे समय से दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक रहा है, लेकिन अब तस्वीर बदल रही है। भारत फिलहाल लगभग 100 देशों को रक्षा उपकरण और हथियार एक्सपोर्ट कर रहा है। अमेरिका, फ्रांस और आर्मेनिया जैसे देश भारतीय रक्षा उत्पाद खरीद रहे हैं। मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहलों ने भारत के रक्षा एक्सपोर्ट को एक नई दिशा दी है। अब सरकारी और प्राइवेट दोनों कंपनियां ग्लोबल हथियारों के बाजार में भारत की मौजूदगी को मजबूत कर रही हैं।