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वाराणसी में बर्फीली हवा से धूप बेअसर, गलन ने कंपकंपाया, रात्रि में धुंध व हाँड वाली ठंडक से लोग घरों में दुबके...

वाराणसी में बर्फीली हवा से धूप बेअसर, गलन ने कंपकंपाया, रात्रि में धुंध व हाँड वाली ठंडक से लोग घरों में दुबके...

वाराणसी, ब्यूरो। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से घने कोहरे के साथ बुधवार की सुबह हुई लेकिन कुछ देर बाद ही सूर्य की प्रखर किरणें आकाशमंडल में चमक उठीं और कोहरा छटने लगा। सूर्य की प्रखर किरणों से ठंड कुछ कम हुई लेकिन कुछ ही देर पश्चात बर्फीली पछुआ हवा की गति तेज होने से अधिकतम तापमान में फिर तीन डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट आई और गलन का प्रभाव पूरे दिन बना रहा।

शाम होते ही गलन और तेज हो गई। लोग अलाव हीटर और ब्लोवर के इर्द - गिर्द सिमटने लगे। बाबतपुर क्षेत्र में सुबह दृश्यता महज 50 मीटर तो बीएचयू क्षेत्र में 600 मीटर रही। घने कोहरे के कारण 30 विमानों की उड़ान निरस्त कर दी गई तो अनेक ट्रेनों का परिचालन भी निरस्त रहा। कई विमान व ट्रेनें घंटों विलंबित रहे। 

पांच से आठ किमी प्रति घंटा चली पछुआ के कारण बुधवार को बीएचयू क्षेत्र में लगभग तीन डिग्री सेल्सियस तापमान में गिरावट आई और यह सामान्य से 3.5 डिग्री सेल्सियस नीचे 18.9 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। अधिकतम तापमान में 2.8 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई और यह सामान्य से 3.4 डिग्री सेल्सियस अधिक 12.8 डिग्री सेल्सियस रहा। 
उधर बाबतपुर क्षेत्र में अधिकतम तापमान में 0.3 डिग्री सेल्सियस की कमी आई और यह सामान्य से 3.8 डिग्री सेल्सियस नीचे 18.5 डिग्री सेल्सियस रहा। वहां न्यूनतम तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस बढ़ा और यह सामान्य से 2.6 डिग्री सेल्सियस अधिक 11.8 डिग्री सेल्सियस हो गया। 

भारत मौसम विज्ञान विभाग के लखनऊ स्थित आंचलिक कार्यालय के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डा. अतुल कुमार सिंह ने बताया है कि गुरुवार को भी घना कोहरा छाया रहेगा और वाराणसी समेत पूर्वांचल के कई जनपदों में शीत दिवस की स्थिति बनी रह सकती है।

बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अब से तीन-चार दिनों तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा. तापमान में अब मामूली गिरावट के साथ कभी घना व कभी छिछला कोहरा बना रह सकता है. बर्फीली पछुआ के चलते गलन में कोई विशेष् कमी नहीं आएगी।