Headlines
Loading...
Magh Festivals 2026 Date: 4 जनवरी से शुरु होगा माघ का पवित्र महीना, यहां पढ़ें माघ के व्रत-त्योहारों की सूची...

Magh Festivals 2026 Date: 4 जनवरी से शुरु होगा माघ का पवित्र महीना, यहां पढ़ें माघ के व्रत-त्योहारों की सूची...

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। माघ का महीना (Magh month 2025) हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस माह की शुरुआत 4 जनवरी से होने जा रही है। वहीं इस माह का समापन 1 फरवरी को होगा। इस माह में भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और तुलसी जी की पूजा-अर्चना करना काफी शुभ माना गया है। 

साथ ही इसी माह में प्रयागराज में संगम के किनारे भक्त कल्पवास भी करते हैं, जो आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत ही पवित्र माना गया है। सकट चौथ से लेकर बसंत पंचमी जैसे व्रत-त्योहार इसी माह में किए जाते हैं। 

चलिए पढ़ते हैं माघ माह के व्रत-त्योहारों की सूची।

तारीख दिन व्रत-त्योहार

6 जनवरी 2026 मंगलवार संकष्टी चतुर्थी
14 जनवरी 2026 बुधवार षटतिला एकादशी, पोंगल, उत्तरायण, मकर संक्रांति
16 जनवरी 2026 शुक्रवार शुक्र प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि
18 जनवरी 2026 रविवार माघ अमावस्या
23 जनवरी 2026 शुक्रवार बसंत पंचमी, सरस्वती पूजा
29 जनवरी 2026 गुरुवार जया एकादशी
30 जनवरी 2026 शुक्रवार शुक्र प्रदोष व्रत
1 फरवरी 2026 रविवार माघ पूर्णिमा व्रत

              (AI Generated Image)

माघ माह का महत्व

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, माघ माह में स्नान-दान आदि कार्य करने से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। वहीं माघी पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी जैसे गंगा में स्नान करना बेहद पुण्यकारी माना गया है। इसी महीने में माघ मेले की भी शुरुआत होती है, जिसे लेकर मान्यता है कि इस दौरान संगम स्नान (गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम) करने से साधक को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।

साथ ही साधक को मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में कहा गया है कि माघ मास में रोजाना ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी जैसे कि गंगा, यमुना या संगम में स्नान करने से साधक को करोड़ों यज्ञ करने के बराबर फल मिलता है।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। "केसरी न्यूज 24" मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। "केसरी न्यूज 24"मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।