वाराणसी :: कफ सिरप कांड में अब फुटकर दवा व्यापारियों पर कसेगा शिकंजा, STF ने SIT दी पूरी सूची...
वाराणसी, ब्यूरो। कोडीन युक्त सिरप की तस्करी में फुटकर दवा व्यापारियों ने भी गिरोह के मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल व बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह का खुल कर साथ दिया। इन लोगों ने गिरोह का पूरा सहयोग किया।इसके बदले इन्हें मोटा कमीशन भी मिलता रहा। एसटीएफ की जांच में यह तथ्य सामने आया है। एसटीएफ ने लखनऊ, वाराणसी, गाजियाबाद, सोनभद्र और धनबाद के इन फुटकर व्यापारियों की पूरी सूची एसआईटी को उपलब्ध करा दी है। एसटीएफ इन सभी से पूछताछ के बाद आगे की कार्रवाई करेगी।
सिरप प्रकरण में आरोपियों का पूर्वांचल के पूर्व सांसद से नजदीकी संबंध सामने आने के बाद मामले ने और ज्यादा तूल पकड़ लिया। इसके बाद ही शासन ने आईजी कानून-व्यवस्था एलआर कुमार के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर दी थी। एसआईटी ने इस मामले में कई तथ्य जुटाए। इस बीच ही फुटकर दवा व्यापारियों का भी इस गिरोह के साथ होने का खुलासा हुआ। एसटीएफ ने इन छोटे व्यापारियों का पूरा ब्योरा तैयार कर लिया था। अब इनकी सूची को एसआईटी को दे दिया गया है। एसआईटी जल्दी ही इन सभी को नोटिस देकर पूछताछ करेगी। कई तथ्यों पर इनसे सवाल जवाब के बाद एसआईटी आगे की कार्रवाई करेगी।
शुभम व आलोक के कई करीबियों का भी ब्योरा जुटाया
एसआईटी ने शुभम जायसवाल ,आलोक सिंह और अमित टाटा के उन करीबियों का भी ब्योरा जुटाया है जो हर दूसरे-तीसरे दिन इनके पास आते थे। ये लोग मास्टरमाइंड के कहने पर तस्करी में हर तरह की मदद कराते थे। एसआईटी इन करीबियों को भी कार्रवाई के दायरे में लाएगी। साक्ष्य के आधार पर ही सुशांत गोल्फ सिटी कोतवाली में दर्ज एफआईआर में इनके नाम बढ़ाए जाएंगे। डीजीपी ने भी कुछ दिन पहले निर्देश दिए थे कि कफ सिरप की तस्करी में लिप्त आरोपितयों को किसी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
विवेचको के लिए एसओपी जारी की
एसआईटी ने लखनऊ, वाराणसी, गाजियाबाद, सोनभद्र अन्य स्थानों पर सिरप प्रकरण में दर्ज एफआईआर के विवेचकों को बुलाया है। साथ ही उन्हें कई तरह के निर्देश भी दिए हैं। इसको लेकर एसआईटी ने विवेचकों को एसओपी भी जारी की है।
ईडी विभोर राणा व विशाल को रिमांड पर लेगी
ईडी सिरप प्रकरण के आरोपी विभोर राणा व विशाल राणा को अपनी कस्टडी में लेने के बाद रिमांड के लिए अर्जी देगी। इन दोनों के खिलाफ ईडी ने भी मनी लांड्रिग एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इन दोनों से गिरोह के लोगों की सम्पत्ति का ब्योरा भी पता किया जाएगा।
इन दोनों आरोपियों को मंगलवार को अंतरिम जमानत भले ही मिल गई है लेकिन अभी बाहर आना आसान नहीं होगा। इसकी वजह यह है कि एनडीपीएस एक्ट की धारा उन पर बढ़ाने की सुनवाई भी बुधवार को होगी। मंगलवार को इस पर सुनवाई होनी थी लेकिन आरोपियों के वकील ने समय मांग लिया। जिस पर एनडीपीएस एक्ट की धारा बढ़ाने को लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका।